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मेयर सत्या कौंडल ने किया रिज टैंक का निरीक्षण, वार्ड पार्षद ने उठाई ये मांग

रिज मैदान के नीचे बने टैंक की दरारों को भरने का काम पूरा हो गया है. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि कहा कि टैंक की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है. छह चैम्बरों का मरम्मत कार्य किया गया है जबकि तीन चैम्बर अभी भी बचे हुए हैं. हालांकि इनमें कोई दरारें नहीं आई हैं, लेकिन इनका कार्य भी किया जाएगा.

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Published : Feb 17, 2021, 10:34 PM IST

Ridge Tank visit by MC mayor
नगर निगम महापौर और उप महापौर ने किया रिज टेंक का दौरा

शिमला: राजधानी शिमला के रिज मैदान के नीचे बने टैंक की दरारों को भरने का काम पूरा हो गया है. बुधवार को नगर निगम की महापौर और उप महापौर के साथ पार्षद ने रिज टैंक का निरीक्षण किया. इस दौरान शिमला जल निगम के एसडीओ महबूब शेख भी मौजूद रहे. उन्होंने महापौर को कार्य की जानकारी दी और जल्द ही इस टैंक को दोबारा से जल निगम को सौंपने की बात कही. वहीं, वार्ड के पार्षद इंद्रजीत ने महापौर से तीन और चैम्बरों की भी मरम्म्त कार्य करवाने की मांग की.

टैंक की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है.

नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि कहा कि टैंक की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है. छह चैम्बरों का मरम्मत कार्य किया गया है जबकि तीन चैम्बर अभी भी बचे हुए हैं. हालांकि इनमें कोई दरारें नहीं आई हैं, लेकिन इनका कार्य भी किया जाएगा. वहीं, पार्षद इंदरजीत सिंह ने कहा कि वार्ड के लिए इसी टैंक से पानी की सप्लाई होती थी, लेकिन टैंक में दरारें आ गई थी जिसके चलते टैंक में दरारें भरने का काम किया जा रहा है जो कि पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि टैंक में नौ चेम्बर हैं और छह चैम्बरों की दरारें ही भरी गई हैं. अभी तीन और चैम्बरों का भी मरम्मत कार्य करने की मांग की है.

वीडियो.

डेढ़ करोड़ का है टेंडर

बता दें कि रिज टैंक की दीवारों पर आई दरारों को बेल्जियम से लाए गए केमिकल से भरा गया है. कंपनी ने करीब चार महीने पहले इस काम को शुरू किया था, लेकिन बीच में कंपनी के कुछ कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए. इस कारण एक माह तक काम को बंद रखा गया. नगर निगम से मंजूरी के बाद शिमला जल प्रबंधन निगम ने विदेशी कंपनी को डेढ़ करोड़ में काम का टेंडर दिया था.

विदेशी तकनीक को अपनाकर रिज टैंक की दरारों को भरा गया है. अंग्रेजों के समय में बने टैंक के नौ में से पांच चैंबर में दरारें हैं. इन दरारों को भरने के लिए शिमला जल प्रबंधन निगम ने सबसे पहले एसजेवीएनएल से सर्वे करवाया था. इस रिपोर्ट को देखने के बाद पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के विशेषज्ञ से भी रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर दरारों को भरने का काम करवाया जा रहा है.

वर्ष 2019 में पहली बार देखी गई थी दरारें

वर्ष 2019 में नगर निगम ने टैंक की सफाई के दौरान इसकी दीवारों पर दरारें देखी थीं. इन्हें सीमेंट से सीधे नहीं भरा जा सकता था. इसके लिए पॉली यूरिया लेयर तकनीक से दरारों को भरने की जरूरत थी, जिसके बाद बाहर की कंपनी को टैंक की दरारों को भरने का काम सौंपा गया था. अब कंपनी ने काम पूरा कर दिया है और जल्द ही टैंक में जल भंडारण शुरू हो जाएगा. जिससे शहर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

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