रामपुर: हिमाचल में आग लगने की घटनाओं के कारण करोड़ों की वनसंपदा को नुकसान पहुंचा हैं. आए दिन प्रदेश भर में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है. सरकार का दावा है कि इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने काफी प्रयास किए हैं.
अपने रामपुर प्रवास के दौरान परिवहन, वन एवं ग्रामीण खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं के पीछे लोगों की लापरवाही भी एक बड़ा कारण हैं.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि वनों में आग न लगे इसके लिए विभाग ने मुहिम चला रखी है. उन्होंने जनता से अपील की है कि जनता भी विभाग का सहयोग करें. इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए महिला मंडल, युवक मंडल, स्थानीय लोग और पंचायतीराज प्रतिनिधि की सहभागिता जरूरी है.
मंत्री ने कहा कि अधिकतर जंगलों में आग लोगों द्वारा ही लगाई जाती है. ऐसे में लोगों का जागरूक होना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि वन विभाग आग लगने की सूचना देने वाले को को पुरस्कृत करेगा.
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस फायर सीजन में अब तक जंगल की आग के 523 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, वन विभाग के अनुसार प्रदेश के जंगल की आग को नियंत्रित करने के लिए फायर वाचर तैनात किए गए हैं. इस बार गृह रक्षकों की भी मदद ली जा रही है. संवेदनशील इलाकों में पानी के टैंकरों और अन्य वाहनों की तैनाती की गई है.
जंगल की आग के सबसे ज्यादा 124 मामले धर्मशाला वन वृत में दर्ज किए गए हैं. नाहन में 59, मंडी में 69, बिलासपुर में 42, चंबा में 44, हमीरपुर 35, रामपुर 46, शिमला 43, सोलन 34 सहित वन्य प्राणी वृत शिमला और धर्मशाला में दो-दो मामले सामने आए हैं.
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