शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला किया है. राज्य लोकायुक्त ने कुछ सेवादार नियुक्त किए थे. इन नियुक्तियों को लोकायुक्त सचिव ने रद्द कर दिया था. प्रभावित सेवादार लोकायुक्त सचिव के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे थे. हाई कोर्ट ने लोकायुक्त सचिव के फैसले को निरस्त कर दिया. अदालत ने कहा कि लोकायुक्त की शक्तियां भी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समान होती हैं. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं के मामले में फिर से अदालत के निर्णय के तहत फैसला लें.
इस मामले में हाई कोर्ट ने रमेश चंद व ललित शर्मा की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए उपरोक्त निर्णय दिया है. अदालत ने कहा कि लोकायुक्त के पास भी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समान शक्तियां निहित हैं. हालांकि हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त नियम-1984 में इसका विशेष रूप से प्रावधान नहीं है, लेकिन नियम-10 के तहत लोकायुक्त के पास भी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की तरह शक्तियां निहित हैं. इसके तहत लोकायुक्त भी अपनी पसंद के सेवादार की नियुक्ति करने में सक्षम हैं.