शिमला: देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते सभी तरह के कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गए हैं. कोरोना महामारी का असर सभी वर्गों पर हुआ है. सरकार धीरे-धीरे हर सेक्टर में कारोबार को पूरानी रफ्तार देने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने बाजारों के साथ शराब की दुकानें खोलने को अनुमति दे दी है, लेकिन शराब की ठेकों पर भी शराब की बिक्री न होने से कारोबारी परेशान हैं और सरकार से अब शराब के कोटे में छूट की मांग कर रहे हैं.
सरकार की नई पॉलिसी पर शराब कारोबारियों की मांग, कोटे में दी जाए 50 फीसदी छूट
शिमला जिला लिकर एसोसिएशन ने एक जून से नई पॉलिसी के शुरू होने पर सरकार से कोटे में 50 फीसदी छूट देने की मांग की है. कोटे में 50 फीसदी तक कटौती न करने की शर्त पर शराब कारोबारियों ने पुरानी पॉलिसी जारी रखने की अपील की है. एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना प्रकोप के चलते कोटे को खत्म करना मुश्किल हो गया है.
शिमला जिला लिकर एसोसिएशन ने शनिवार को बैठक कर जून से नई पॉलिसी के शुरू होने पर सरकार से कोटे में 50 फीसदी छूट देने की मांग की. एसोसिएशन का कहना है कि पहले ही कोरोना के चलते दुकानें बंद रहीं. वहीं, अभी भी बहुत कम ग्राहक दुकानों से शराब खरीद रहे हैं. ऐसे में कोटे को खत्म करना मुश्किल हो गया है.एसोसिएशन के सचिव इंद्र कालटा का कहना है कि पर्यटन सीजन ठप्प पड़ा है और सभी बार भी बंद पड़े हैं. ऐसे में कोटा खत्म करना मुश्किल हो गया है. ठेकों पर भी सेल 25 फीसदी तक ही हो पा रही है. इसका कारण बार रेस्टोरेंट बंद होना है और अभी न तो कोई शादियां हो रही है और न कोई पार्टी हो रही है. ज्यादातर देर शाम को शराब खरीदते हैं, लेकिन दुकानें 5:30 बजे ही बंद कर दी जाती है, जिससे कारोबार पर असर पड़ा है.
लिकर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नई पॉलिसी के तहत या तो कोटे में 50 फीसदी तक कटौती की जाए या फिर पहले की ही पॉलिसी को ही रखा जाए, ताकि शराब कारोबारी राहत की सांस ले सके. शराब कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार द्वारा कोई राहत न मिलने पर सभी दुकानदार एक जून से अपनी चाबियां एक्साइज विभाग को सौंप देंगे.