शिमलाः छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के हिस्से एक बार फिर से गौरव के पल आए हैं. राज्य से संबंध रखने वाली रिटायर्ड चीफ जस्टिस अभिलाषा कुमारी को भारत के पहले लोकपाल में सदस्य नियुक्त किया गया है.
जस्टिस अभिलाषा हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की बेटी है. लोकपाल में सदस्य के तौर पर बेटी की नियुक्ति को लेकर वीरभद्र सिंह ने खुशी जाहिर की है. फेसबुक पोस्ट के माध्यम से वीरभद्र सिंह ने कहा कि ये महिलाओं और खास तौर पर हिमाचल के लिए खुशी की बात है. जस्टिस अभिलाषा कुमारी गुजरात हाईकोर्ट, त्रिपुरा व मणिपुर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रही हैं. उनकी नियुक्ति पर हिमाचल में खुशी की लहर है.
अभिलाषा कुमारी ने मार्च 1984 में वकालत शुरू की थी. 23 फरवरी 1956 को जन्मी अभिलाषा कुमारी ने वकालत की डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से हासिल की. वे स्टैंडिंग काउंसिल के तौर पर कार्य करने के बाद एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त हुईं, फिर वे 2006 में गुजरात हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनी. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ही लोकपाल में सदस्य हो सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना मंगलवार को जारी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजे पिनाकी चंद्र मिश्रा देश के पहले लोकपाल बने हैं. इसी पैनल में अभिलाषा कुमारी लोकपाल सदस्य बनाई गई हैं.
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया. लोकपाल की सूची में 9 ज्यूडिशियल मेंबर भी हैं. साथ ही जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को चेयरपर्सन भी बनाया गया है. राष्ट्रपति ने जस्टिस दिलीप बी भोंसले, जस्टिस पीके मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस एके त्रिपाठी को न्यायिक सदस्य के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी. दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉ. आईपी गौतम बतौर सदस्य नियुक्त किए गए हैं.