शिमला: हिमाचल में जल जनित रोगों से हर साल सैकड़ों लोगों की मौत (Water related diseases in Himachal) होती है. 6 साल पहले हिमाचल प्रदेश में कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि प्रदेश में हर साल ढाई लाख मामले जल जनित रोगों के आते हैं. तब हिमाचल में 41 वाटर टेस्टिंग लैब थी और उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को साफ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा था. अब केंद्र सरकार की मदद से हिमाचल में जल जीवन मिशन में बेहतर काम हो रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने वाटर टेस्टिंग किट वाली जीवन धार मोबाइल मेडिकल यूनिट सेवा शुरू (Jeevandhara Mobile Medical Unit service started in Himachal) की. मंत्रियों ने मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जल शक्ति विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ मिलकर जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही जीवनधारा योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिट में जल जांच की सुविधा भी उपलब्ध करवाएगा. इस बारे में 15 मार्च, 2022 को जल शक्ति विभाग व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के मध्य दोनों विभागों के दायित्व को सुनिश्चित करते हुए एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission in Himachal) के दिशा-निर्देशों के अनुसार पेयजल स्रोतों और वितरण प्रणाली से नमूनों की जांच का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है ताकि जल गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. इसके लिए प्रदेश में प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ ढांचा तैयार किया जा रहा है.अभी तक 60 प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिनमें से सात इसी वर्ष स्थापित की गई हैं. इन प्रयोगशालाओं में से 50 को उच्च मानकों के आधार पर राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता मिल चुकी है.