शिमला: पहले से ही 49 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार फिर से 800 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. कर्मियों व पेंशन भोगियों को 4 प्रतिशत डीए के भुगतान के अलावा विकास कार्यों के लिए सरकार ऋण लेने को मजबूर हुई है.
सरकार ने शुक्रवार को कर्ज लेने की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत 300 करोड़ रुपये का कर्जा ब्याज सहित 3 साल के भीतर तथा 500 करोड़ का कर्जा ब्याज सहित 10 साल के भीतर वापिस करना होगा. हाल ही में सरकार ने बजट में कर्मचारी व पेंशनरों को 4 फीसदी महंगाई भत्ते की किस्त, दिहाड़ी दारों की दिहाड़ी बढ़ाने और अन्य कर्मचारियों व जन प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ाने कानिर्णय लिया है जिस कारण वित्तीय समीकरण बिगड़ गया है.
गौर हो कि कर्मचारियों के वेतन व पेंशन पर सरकार इस साल डेढ़ हजार करोड़ से अधिक और आगामी वित्तीय वर्ष में करीब 1800 करोड़ की रकम खर्च करेगी. बजट सत्र के दौरान 13 फरवरी, 2019 को नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री की तरफ से पूछे प्रश्न के लिखित उत्तर के अनुसार राज्य पर गत 15 जनवरी, 2019 तक 49,745 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसमें से 1838.75 करोड़ रुपये वर्ष, 2018-19 के दौरान गत 15 जनवरी, 2019 तक कर्ज के रुप में लिए गए.