शिमला: हिमाचल सरकार 55737 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी है. इस बोझ तले कराह रही हिमाचल सरकार के पास विकास कार्यों के लिए इस बार भी बहुत अधिक स्कोप नहीं है. बजट अनुमान के अनुसार प्रति सौ रुपए में से विकास कार्यों के लिए 41.22 रुपए ही बचेंगे.
प्रति सौ रुपए में से कर्मचारियों के वेतन पर 26.66 रुपए, पेंशन की मद में 14.79 रुपए, ब्याज अदा करने पर 10.04 रुपए खर्च होंगे. इसी प्रकार लोन की अदायगी पर 7.29 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. ऐसे में विकास के लिए केवल 41.22 रुपए ही बचेंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को 49131 करोड़ रुपए का बजट पेश किया. इस बजट में राजस्व प्राप्तियों का अनुमान 38439 करोड़ रुपये का है, अगर पैसे के आने व जाने के नजरिए से देखा जाए तो सरकार के प्रत्येक 100 रुपए में से 13 रुपए केंद्रीय शुल्क से आएंगे.
इसके अलावा 19 रुपये स्टेट टैक्स से हासिल होंगे. साथ ही गैर कर राजस्व 5 रुपए, केंद्रीय सहायता अनुदान 44 रुपए, लोक ऋण 16 रुपए तथा जमा और अग्रिम से 3 रुपए सरकारी खजाने में आएंगे. इन 100 रुपए में से 31 रुपए सामान्य सेवाओं, 15 रुपए आर्थिक सेवाओं, 13 रुपए पूंजी व्यय व 2 रुपए अनुदान सहित 7 रुपए लोक ऋण के भुगतान पर खर्च होंगे.
इसके अलावा 31 रुपए सामाजिक सेवा क्षेत्र पर खर्च किए जाएंगे. आगामी वित्त वर्ष का बजट चालू वित्तीय वर्ष के बजट के मुकाबले 11 फीसदी अधिक है. वर्तमान वित्त वर्ष का बजट 44334 करोड़ रुपए का है. आगामी वित्त वर्ष में प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां 38439 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जबकि राजस्व व्यय 39123 करोड़ रुपए होगा.