शिमला: राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन सरप्लस है लेकिन ऑक्सीजन के परिवहन के लिए हमें सिलेंडरों की आवश्यकता है. इसके लिए केंद्र से डी-टाइप के 5000 और बी-टाइप के 3000 सिलेंडर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है. यह बात मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन उत्पादकों को संबोधित करते हुए कही.
ऑक्सीजन के अधिकतम उत्पादन के निर्देश
जयराम ठाकुर ने ऑक्सीजन उत्पादकों को राज्य में ऑक्सीजन के अधिकतम उत्पादन के निर्देश दिए. इसके अलावा लीकेज पर भी ध्यान देने को कहा ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 15 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है. राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का केंद्र सरकार से आग्रह किया है.
निजी ऑक्सीजन उत्पादकों का जल्द होगा भुगतान
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में स्थित सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को राज्य सरकार बिजली की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी ताकि ऑक्सीजन की कमी न हो और ऑक्सीजन का उत्पादन सुचारू रूप से चले. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध और सुचारू रूप से सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान न हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निजी ऑक्सीजन उत्पादकों के विभिन्न मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी.
स्वास्थ्य संस्थानों में स्थापित किए ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन का उचित भंडारण और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्यों का स्वागत किया और कहा कि विभाग ऑक्सीजन प्लांट की उचित कार्यशीलता सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन उत्पादकों को लॉजिस्टिक की हर संभव सहायता प्रदान करेगा.
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