शिमला: हिमाचल प्रदेश की करीब आधी आबादी युवाओं की है. युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. प्रदेश में रोजगार सृजन की जो रफ्तार होनी चाहिए वह सुस्त है. बेरोजगारी दूर करने के लिए युवाओं को दूसरे राज्यों और शहरों का रुख करना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
प्रदेश का युवा मात्र चंद रुपये की नौकरी की तलाश में हिमाचल से लेकर कन्याकुमारी तक की ठोकरें खा रहा है. हिमाचल का होनहार युवा अगर यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडल भी ले आए तो उन्हें भी रोजगार मिलने की गारंटी नहीं है. एक सर्वे के मुताबिक हिमाचल के रोजगार कार्यालयों में 8 लाख 44 हजार 714 युवा पंजीकृत हैं. सर्वे के अनुसार हिमाचल में कुल 40.8 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं.
बता दें कि यह वे युवा हैं, जो स्नातक या उससे उच्च डिग्रियां हासिल कर रोजगार की तलाश में हैं. हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में बेरोजगारी में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी न केवल राज्य सरकार के लिए, बल्कि केंद्र सरकार के लिए भी चिंता का विषय है.