शिमला:सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 6 मार्च को अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगे. विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 6 मार्च को बजट पेश करेंगे. फिर 8 से 12 मार्च के दौरान इस पर चर्चा होगी. बाद में 15 से 18 मार्च तक चार दिन तक बजट अनुमान मांगों पर बहस होगी.
सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को 8 फरवरी से खोलने का निर्णय
बैठक में जिला मंडी की सरकाघाट उप-मंडल में सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को 8 फरवरी, 2021 से खोलने का निर्णय लिया गया. यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के किसी शैक्षणिक संस्थान में यदि कोई अध्यापक/कर्मचारी या विद्यार्थी कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है, तो संस्थान 48 घंटों के लिए बंद रहेगा और निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार सेनिटाजेशन के उपरान्त खोला जाएगा.
31 मार्च तक मिड-डे मील बंद
मंत्रिमंडल में निर्णय लिया गया कि 15 फरवरी, 2021 से छठी और सातवीं कक्षाओं के विद्यार्थी भी पढ़ाई के लिए अपने स्कूलों में उपस्थित होंगे और पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थी अपने घरों से ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थित रहेंगे. मंत्रिमंडल ने मिड-डे-मील योजना के अन्तर्गत स्कूलों में पके हुए भोजन परोसने को 31 मार्च, 2021 तक भी बन्द रखने का निर्णय लिया है. इस अवधि के दौरान विद्यार्थियों को सूखा राशन प्रदान किया जाएगा और खाना पकाने की लागत लाभार्थियों/अभ्यर्थियों के खातों में हस्तांतरित की जाएगी. वर्ष 2021-22 का शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होगा.
बैठक में जिला ऊना के टाहलीवाल में उद्योग विभाग की 20 कनाल और एक मरला भूमि जनरल इंजीनियरिंग क्लस्टर स्थापित करने के लिए सालाना एक रुपये प्रति वर्ग मीटर लीज पर 30 वर्ष की अवधि के लिए हरोली औद्योगिक अधोसंरचना विकास संस्था के पक्ष में देने का निर्णय लिया गया.
बद्दी में 30 होमगार्ड स्वयं सेवक होंगे तैनात
मंत्रिमंडल ने कानून, व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पुलिस में दैनिक आधार पर बद्दी जिला पुलिस में 30 होमगार्ड स्वयं सेवकों को तैनात करने को भी स्वीकृति प्रदान की. हिमाचल प्रदेश कराधान (सड़क द्वारा कतिपय माल के वहन पर) नियम 2021 को हिमाचल प्रदेश कराधान (सड़क द्वारा कतिपय माल के वहन पर) नियम 1993 को रद्द कर तैयार करने को स्वीकृति प्रदान की गई, ताकि करों के सभी भुगतान, मांग अथवा अन्य राशि को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के अतिरिक्त मैनुअल माध्यम से किया जा सके.