शिमला:प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (Case of Sex change in IGMC shimla) में लिंग परिवर्तन के लिए आए प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में पेंच फंस (Sex Change in Himachal) गया है. प्रार्थी का आरोप है कि उसे प्रशासन की ओर से प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है. हालांकि प्रशासन का कहना है कि बिना टेस्ट के प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा सकता है. वहीं प्रार्थी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक ये प्रमाणपत्र लेना उसका अधिकार है. वहीं प्रशासन का तर्क है कि आवेदक को पहले टेस्ट करवाने होंगे, यदि टेस्ट में दावा सहीं पाया जाता है, उसके बाद ही प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है.
आवेदक मेल ट्रांसजेंडर का प्रमाणपत्र मांग रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन बिना टेस्ट के ट्रांसजेंडर होने तक का प्रमाणपत्र नहीं दे सकता है. बता दें कि ऊना के रहने वाले युवक ने लिंग परिवर्तन के लिए प्रमाणपत्र की मांग की थी. ऊना जिला के रहने वाले युवा ने इसके लिए आवेदन किया था. इसकी मंजूरी अस्पताल से मिलने के बाद ही राज्य के इस युवक का लिंग परिवर्तन का प्रोसेस शुरू हो सकेगा. हालांकि हिमाचल में ये तकनीक नहीं हैं न ही राज्य के किसी अन्य अस्पताल में ये किया जाता रहा है. इच्छुक युवक को राज्य से बाहर ही किसी अन्य राज्य में इसे करवाना होगा, लेकिन नियमों के तहत राज्य के अस्पताल से भी पहले इसकी मंजूरी अनिवार्य है.