शिमला: तेजतर्रार अफसरों में शुमार राजेश शर्मा को सुखविंदर सिंह सरकार ने मिल्कफेड की जिम्मेदारी दी है. वर्ष 2000 बैच के आईएफएस अधिकारी राजेश शर्मा को मिल्कफेड का प्रबंध निदेशक बनाया गया है. इससे पहले मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक के पद पर हिमाचल प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भूपेंद्र सिंह काम कर रहे थे. भूपेंद्र सिंह 2009 बैच के एचपीएएस अधिकारी हैं. मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सिविल सर्विसेज बोर्ड की सिफारिश पर भारतीय वन सेवा के अधिकारी राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश मिल्क फैडरेशन का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया.
वहीं, भूपेंद्र सिंह अब सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक का कार्यभार संभालेंगे. पूर्व में उनके पास इसका अतिरिक्त कार्यभार था. यहां बता दें कि हाल में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पशुपालकों से गाय व भैंस का दूध खरीदने की योजना को लागू करने के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं. पशुपालकों से अस्सी रुपए लीटर गाय का दूध व सौ रुपए लीटर भैंस का दूध खरीदा जाना है. हर पशुपालक से रोजाना दस लीटर दूध की खरीद होगी. ये कांग्रेस के गारंटी पत्र में भी शामिल था और साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है.
सीएम चाहते हैं कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाए. इसके लिए बजट में कम से कम एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करने के संकेत दिए गए हैं. यदि गाय का दूध खरीदा जाता है तो पशुपालक को 24 हजार रुपए प्रति माह की आय हो सकेगी. इसी तरह भैंस का दूध बेचने वाले को 30 हजार रुपए की आय होगी. इसी ड्रीम प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए राजेश शर्मा को मिल्कफेड का जिम्मा दिया गया है. मिल्कफेड पशुपालकों से दूध खरीद करता है. रामपुर और मंडी में मिल्कफेड के चिलिंग सेंटर हैं. पशुपालकों से दूध खरीद कर मिल्कफेड विभिन्न उत्पाद भी तैयार करता है. अभी दूध खरीद मूल्य 32 रुपए से अधिक है. कांग्रेस की दूध खरीद गारंटी के बाद रोजाना दस लीटर दूध की खरीद प्रति किसान की जाएगी.
वहीं, राज्य सरकार के एक अन्य आदेश में संजय सिंह चौहान को हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डवलपमेंट बैंक लिमिटेड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी. नियुक्ति के बाद संजय सिंह चौहान ने शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मुलाकात की और सरकार का आभार जताया. संजय सिंह चौहान मूल रूप से कांगड़ा जिला के रहने वाले हैं.
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