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अटल हमेशा उदार सोच के साथ लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए रहे प्रतिबद्ध: राज्यपाल - हिमाचल न्यूज

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में 'सुशासन दिवस' समारोह आयोजित किया. इसकी अध्यक्षता राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की. राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा उदार सोच और लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध रहे.

अटल जयंती
अटल जयंती

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Published : Dec 25, 2020, 10:01 PM IST

शिमला:राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की ओर से आयोजित 'सुशासन दिवस' समारोह की अध्यक्षता की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने असाधारण सार्वजनिक जीवन के दौरान कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने उल्लेखनीय व्यक्तित्व और अमूल्य योगदान की छाप छोड़ी है.

'अटल बिहारी वाजपेयी में थी अद्भुत क्षमता'

राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा उदार सोच और लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध रहे. उनके अंदर देश हित में सभी विचारधाराओं को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी, जो मजबूत लोकतंत्र के लिए अच्छा है. उनका व्यवहार और प्रभावी कार्यशैली जन सेवकों के लिए प्रेरणा का स्रोत थी. उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता पार्टी और राजनीति की सीमाओं से ऊपर थी. उनके व्यक्तित्व, व्यवहार और विचार शक्ति के कारण राजनीतिक विरोधियों में भी उनके प्रति स्नेह और सम्मान की भावना थी.

अटल ने पेश किए कई उदाहरण
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक भूमिका में अटल जी ने उत्कृष्ट और अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं. यह सर्वविदित है कि 21वीं शताब्दी के आगमन के समय प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने भारत को विश्व समुदाय के सामने एक नई शक्ति के रूप में स्थापित किया. राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी नैतिकता, संवेदनशीलता और पारदर्शिता पर आधारित सुशासन के पक्षधर थे. उन्होंने सुशासन की मिसाल कायम की थी और इसी कारण 25 दिसंबर को उनकी जयंती पूरे देश में 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाई जाती है.

राज्यपाल ने याद किए अटल के साथ बिताए सुनहरे संस्मरण

राज्यपाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए सुनहरे संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला. मैं उनकी सरकार में शहरी विकास मंत्री था. उनका मानना था कि फोरलेन राजमार्गों के निर्माण के साथ रेल, वायु और जलमार्गों के सुदृढ़िकरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि ये भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे और हमारे देश के विकास को तेजी प्रदान करेंगे.

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