शिमला: छात्रों के दस्तावेजों को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने के लिए एचपीयू अब नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी का हिस्सा बनने जा रहा है. एचीपीयू लंबे समय से इस प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिश कर रहा था. एचपीयू जीसी के नैड में डिग्रियों रखेगा, जिससे छात्रों को उनके दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध हो सकेंगे.
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से छात्रों के दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी का सहारा लिया जा रहा है. इसके तहत एचपीयू सभी छात्रों की डिग्रियां, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा समेत अन्य दस्तावेजों को डिजिटल लॉकर में रखा जाएगा. वहीं, जो छात्र विश्वविद्यालय से पास होकर निकल रहे हैं, उनकी डिग्रियां भी लॉकर में ही जमा होंगी.
इस डिजिटल लॉकर में छात्रों की डिग्री जमा होने के बाद छात्रों को एक यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा. इसी तरह एक पासवर्ड विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को भी प्राप्त होगा. इस पासवर्ड और यूनिक आईडी की मदद से छात्र अपने दस्तावेज डिजिटल लॉकर में देख सकेंगे. इसका सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि जब भी छात्र को किसी भी तरह की नौकरी के लिए अपने दस्तावेज चाहिए होंगे तो उसकी संबंधित संस्थान ऑनलाइन वेरिफिकेशन कर सकेंगे. छात्र को अपने दस्तावेज साथ में ले जाकर उन्हें दिखाने की आवश्यकता नहीं रहेगी. छात्र अपने यूनिक आईडी और पासवर्ड से ऑनलाइन ही अपने दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करवा सकेगा.
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