शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बॉटनी में पीएचडी (जेआरएफ) की छात्रा एवं उमंग फाउंडेशन की सदस्य अंजना ठाकुर प्रतिष्ठित इंडियन साइंस कांग्रेस में हिमाचल प्रदेश के दिव्यांग विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली छात्रा बन गई हैं. वह अपने जीवन के संघर्ष, उपलब्धियों और वैज्ञानिक बनने के सपने पर एक प्रेजेन्टेशन भी देंगी. वह यह भी बताएंगी कि स्थाई विकास में दिव्यांग महिलाएं किस तरह योगदान कर सकती हैं.
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि बीएससी करते हुए एक दुर्घटना में उनका दाहिना हाथ कट गया था. उन्हें इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन ने 108 में अधिवेशन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. उन्हें 6 जनवरी को प्रेजेंटेशन देने का मौका भी मिलेगा. (divyang anjana thakur)
इंडियन साइंस कांग्रेस के अधिवेशन का उद्घाटन नागपुर में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस बार का विषय है 'महिला सशक्तिकरण के साथ स्थायी विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी'. प्रदेश विश्वविद्यालय में केमिस्ट्री की वरिष्ठ प्रोफेसर रह चुकीं डॉ. (लाल नीरज शर्मा के नेतृत्व में नागपुर गए प्रतिनिधिमंडल में अंजना ठाकुर भी शामिल है. प्रोफेसर नीरज शर्मा इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के हिमाचल चैप्टर की संयोजक भी हैं. (hpu anjana thakur)
गौरतलब है करसोग के पांगणा की रहने वाली अत्यंत सामान्य परिवार की मेधावी छात्रा अंजना ठाकुर ने प्रदेश विश्वविद्यालय से एमएससी (बॉटनी) किया और पहले प्रयास में ही सीएसआईआर की अत्यंत कठिन जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी. वह डॉ धीरज सिंह रावत के निर्देशन में पीएचडी कर रही है. उसका सपना बॉटनी विषय में शोध करना और एक बड़ा वैज्ञानिक बनना है.
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