शिमला: हिमफैड ने इस साल मंडियों से करीब 27 हजार 968 मैट्रिक टन सेब 22 करोड़ 37 लाख 49 हजार 400 में खरीदा था. औसत बिक्री करीब 81 करोड़ 22 लाख सात हजार 985 रुपये में की गई. इस हिसाब से सेब की औसतन बिक्री 2.95 रुपए प्रति किलो आई है. जबकि सरकार ने इस वर्ष 3.50 रुपए प्रति किलो बिक्री का अनुमान लगाया था.
गणेश दत्त ने कहा कि इस साल मंडी मध्यस्थता योजना की विशेषता यह रही कि हमारे 117 एकत्रिकरण केंद्रो में कहीं पर भी किसानों को एक भी बोरी सेब सड़ने की सूचना नहीं मिली है और कहीं से भी ट्रांसपोर्टेशन की शिकायत नहीं आई है.
हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत्त ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट में बागवानी और कृषि विभाग से कई एमओयू साइन हुए हैं. हिमफैड ने इस वर्ष मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकार की ओर से निर्धारित 8 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बागवानों को सेब का समर्थन मूल्य मिला है. सरकार की ओर से निर्धारित श्रेणी के सेब को मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदा जाता हैं. इसके बाद सेब एकत्रीकरण केंद्रों से यह सेब परवाणू मंडी में सरकारी संस्थाओं के सामने नीलाम किया जाता है.
गणेश दत्त ने ये भी कहा कि प्रदेश में हिमफैड (हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विपणन एवं उपभोक्ता महासंघ) के अलग-अलग स्थानों पर प्रयाप्त मात्रा में स्टोर हैं. इनमें से कुछ स्थानों को अगर कोल्ड स्टोर में बदल दिया जाए तो प्रदेश में कोल्ड स्टोर की कमी को दूर किया जा सकता है. इससे घाटे में चल रहे हिमफैड की माली हालत में भी कुछ सुधार किया जा सकता है.