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Himachal SJVN Projects: 2040 तक एसजेवीएन का 50 हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन का टारगेटः नंद लाल शर्मा

एसजेवीएन ने 2026 तक प्रदेश में 25 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में एसजेवीएन 2091.50 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है. सतलुज जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने बताया कि 2040 तक उनका उपक्रम 40 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने लगेगा. (SJVN Projects in Himachal Pradesh)

Himachal SJVN Projects
हिमाचल एसजेवीएन परियोजनाएं

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 1, 2023, 3:32 PM IST

शिमला: सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) देश में विद्युत उत्पादन में तेजी से उभर रहा सरकारी उपक्रम है. एसजेवीएन ने 2026 तक प्रदेश में 25 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. सतलुज जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने कहा है कि उनका 2026 तक 25 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है, जबकि 2040 तक उनका उपक्रम 40 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने लगेगा.

नंद लाल शर्मा ने कहा कि 1988 में केवल एक प्रोजेक्ट से शुरुआत एसजेवीएन ने की थी जो कि आज एक सफल उपक्रम के रूप में उभरा है. एसजेवीएन ने इस सफर में हिमाचल और हिमाचल के बाहर और देश के बाहर भी कई प्रोजेक्ट लगाए गए, जो की सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. वर्तमान में एसजेवीएन 2091.50 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है. अगले 3 सालों में दस हजार मेगावाट के प्रोजेक्टों को कमीशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में विविधता को ध्यान में रखा जा रहा. थर्मल, विंड और सोलर प्रोजेक्टों से बिजली उत्पादन की दिशा में काम किया जा रहा है. इनको देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित किया जा रहा है. कई प्रदेशों के साथ एमओयू भी साइन किए गए हैं. 2040 तक सोलर और विंड के क्षेत्र में निगम द्वारा अपने लक्ष्यों को हासिल किया जाएगा.

नंद लाल शर्मा ने कहा कि भारत सरकार का उद्देश्य सरकारी कंपनियों को निजी कंपनियों के मुकाबले में बेहतर करने का है. इस क्षेत्र में एसजेवीएनएल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. देश और विदेश में यह अपना एक अलग स्थान हासिल कर चुकी है. शेयर होल्डिंग के क्षेत्र में भी कंपनी अपना एक अलग स्थान बना चुकी है. कंपनी ने इसमें लोगों का विश्वास हासिल किया है.

नंद लाल शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में एसजेवीएन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. रोजगार के क्षेत्र में 12 हजार लोगों को कंपनी सीधा रोजगार दे रही है. इसके अलावा लगभग इतने ही लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया जा रहा है. वाटर सेस के मामले पर नंद लाल शर्मा ने कहा कि अभी मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जो भी निर्णय आएगा उसका पालन किया जाएगा.

नंद लाल शर्मा ने कहा कि भारी बरसात के कारण उनके प्रोजेक्टों को कोई भारी नुकसान नहीं हुआ है. एसजेवीएन ने इस मामले में समय पर कदम उठाये थे. केवल ऊर्जा उत्पादन के मामले में कंपनी को कुछ नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट की लाइफ काफी लंबे समय तक होती है, ऐसे में यह आर्थिक रूप से लाभदायक होती है. उन्होंने कहा कि किन्नौर के जंगी थोपन प्रोजेक्ट के मामले में जो लोगों की शिकायतें हैं, उनका लगातार समाधान किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से वहां के लोगों को कोई भी खतरा नहीं है. प्रदेश में लोगों की सहमति से ही पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे.

सुन्नी और अन्य नए प्रोजेक्टों में हिमाचल को रॉयल्टी न देने के सवाल पर नंद लाल शर्मा ने कहा कि ऊर्जा नीति में बदलाव किए जाने के बारे में हमेशा राज्य सरकार सकारात्मक रही है और इस पॉलिसी को सरकार द्वारा हमेशा बढ़ावा दिया जाता है. देश के बाकी राज्य भी इसका अनुसरण करते रहे हैं.

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