शिमला: सशक्त समाज के निर्माण में महिलाओं की उल्लेखनीय भूमिका रहती है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने महिलान्मुखी अनेक योजनाएं आरंभ की हैं. सशक्त महिला ऋण योजना इन्हीं में से एक है. यह योजना महिलाओं की उद्यमशीलता को निखारने, आजीविकोपार्जन गतिविधियों में उनकी सहभागिता बढ़ाने और उनके परिवार और समाज के उत्थान के उद्देश्य से आरंभ की गई है. इसमें महिलाओं को कोलैटरल फ्री (बिना गारंटी) लोन दिया जा रहा है.
सशक्त महिला ऋण योजना के तहत महिलाओं को कोलैटरल-मुक्त यानी बिना गारंटी के ऋण सुविधा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इससे उन्हें अपने जीविकोपार्जन, लघु उद्यमों के माध्यम से स्वरोजगार अपनाने, कृषि और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए मशीनरी एवं उपकरण इत्यादि की खरीद के लिए वित्तीय मदद सुनिश्चित हो सकेगी. लोन सिक्योरिटी के लिए बहुमूल्य संसाधन न होने के कारण अधिकांश महिलाएं स्वरोजगार की ओर उन्मुख नहीं हो पाती हैं और ऐसे में कोलैटरल-मुक्त उन्हें उद्यम स्थापित करने के लिए आगे आने को प्रोत्साहित करेगी. यह योजना आर्थिक असुरक्षा की उनकी चिंताओं को समाप्त करते हुए महिला सशक्तिकरण के नए द्वार खोलेगी.
इतना मिलेगा लोन और ये है पात्रता: योजना के तहत पात्र महिलाओं को 21 हजार रुपये, 51 हजार रुपये और एक लाख एक हजार रुपये की ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी. 18 से 55 वर्ष आयुवर्ग की ऐसी महिलाएं, जिनके परिवार से दो बैंक खाते हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में संचालित हों, इसके लिए पात्र हैं. प्रथम ऋण के रूप में उन्हें 21 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. इसकी ऋण अवधि 5 साल है और भुगतान की समान मासिक किस्त (ईएमआई) 431 रुपये निर्धारित की गई है.
निर्धारित 12 से 15 माह की अवधि में बिना किसी चूक के प्रथम ऋण का भुगतान करने पर लाभार्थी 51 हजार रुपये के दूसरे ऋण के लिए पात्र होंगी जिसके नियम एवं शर्तें पहले के समान ही होंगी. इसकी ईएमआई 1047 रुपये प्रतिमाह होगी. इसमें भी 12 से 15 माह की अवधि में ऋण चुकता करने पर लाभार्थी एक लाख एक हजार रुपये ऋण के लिए पात्र होंगी। इसकी ईएमआई 2073 रुपये निर्धारित की गई है. इस ऋण सुविधा पर 8.51 प्रतिशत की ब्याज दर निर्धारित की गई है. ब्याज की न्यूनतम दर होने से ऋण भुगतान में सुविधा और महिलाओं को वित्तीय प्रबंधन में आसानी होगी और वे अधिक गति से अपनी स्वतंत्र इकाईयां स्थापित कर सकेंगी.