शिमला: शिक्षा विभाग में शास्त्री के पद पर बैचवाइज भर्ती के लिए अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र यानी एसटी सर्टिफिकेट की मांग से जुड़ी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. सिरमौर जिला के ट्रांस गिरि यानी गिरिपार इलाके की एक सामान्य श्रेणी उम्मीदवार ने एसटी सर्टिफिकेट की मांग की थी. उल्लेखनीय है कि गिरिपार को केंद्र सरकार ने एसटी का दर्जा दिया है, लेकिन इसमें राज्य की तरफ से आगामी औपचारिकताएं अभी पूरी नहीं हुई हैं.
इसी गिरिपार इलाके की सामान्य श्रेणी की एक उम्मीदवार ने शास्त्री के पद के लिए हो रही बैचवाइज भर्ती के लिए खुद को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग की थी. इस मांग से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने राहत से इनकार किया है. प्रार्थी ने शास्त्री पद के लिए होने जा रही बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया में उसे अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार के तौर पर मान्यता दिलवाने की मांग की थी.
अदालत ने प्रार्थी के आवेदन पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि हाईकोर्ट में गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति ने पहले ही संबंधित क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की हुई है. इस याचिका को ध्यान में रखते हुए अदालत ने फिलहाल प्रार्थी को सामान्य श्रेणी के अंतर्गत ही काउंसलिंग में भाग लेने देने की अनुमति दे दी है.
प्रार्थी का आरोप है कि सिरमौर जिले के ट्रांसगिरि क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के बावजूद उसे अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी किए हैं.