शिमला: हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में नियुक्त किए गए सभी सीपीएस को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. अदालत ने सभी छह सीपीएस से तीन हफ्ते में नोटिस का जवाब तलब किया है. ये नोटिस मुख्य संसदीय सचिवों यानी सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया गया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने अब मामले की सुनवाई 19 मई को तय की है.
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में याचिका के माध्यम से पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस नामक संस्था ने प्रदेश में छह सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती दी है. इस याचिका में हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव सहित वित्त विभाग के प्रधान सचिव को भी प्रतिवादी बनाया गया है. राज्य सरकार ने अर्की विधानसभा क्षेत्र से चुने गए संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, दून से चौधरी राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को सीपीएस बनाया है.
इनकी नियुक्ति को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट के समक्ष इसी तरह की एक और याचिका भी दाखिल की गई है. उस याचिका में आरोप लगाया गया है कि संविधान के अनुसार राज्य सरकार के मुखिया यानी सीएम भी इनकी नियुक्ति नहीं कर सकता. सीपीएस बनाए जाने से उनके वेतन और भत्तों से राज्य के खजाने पर सालाना 10 करोड़ से ज्यादा का बोझ पड़ेगा.