शिमला: जिला चंबा के मोतला गांव में अवैध डंपिंग के कारण भारी नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को दोषी अफसरों व ठेकेदार के खिलाफ लिए गए एक्शन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई पांच सितंबर को तय की गई है. अदालत ने दोषियों के खिलाफ न केवल एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है, बल्कि अवैध रूप से डंप किए गए मलबे को हटाने की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी है. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ कर रही है.
इस मामले में पूर्व की सुनवाई के दौरान अदालत ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को दोषी अफसर के खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन के आदेश जारी किए थे. अदालत ने कहा था कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदार ने नाले में अवैध डंपिंग की है. अदालत ने प्रमुख अभियंता के शपथ पत्र का अवलोकन करने पर पाया कि नाले के पास ही ठेकेदार को डंपिंग के लिए पांच जगह चिन्हित करके दी गई है. हाईकोर्ट ने खेद जताते हुए कहा कि पेयजल टैंक से ऊपर की तरफ ही सभी डंपिंग साइट चिन्हित करना कोई समझदारी का काम नहीं है. बारिश के दौरान सारा मलबा नीचे की तरफ बहता है और पीने के पानी को दूषित करता है.