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Himachal High Court: चंबा के मोतला गांव में अवैध डंपिंग से भारी नुकसान, HC ने दिए PWD के प्रमुख अभियंता को एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के आदेश

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चंबा के मोतला गांव में अवैध डंपिंग के कारण हुए भारी नुकसान मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को दोषी अफसरों और ठेकेदार के खिलाफ लिए गए एक्शन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court)(illegal dumping in Motla village Chamba)

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

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Published : Aug 1, 2023, 8:13 AM IST

शिमला: जिला चंबा के मोतला गांव में अवैध डंपिंग के कारण भारी नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को दोषी अफसरों व ठेकेदार के खिलाफ लिए गए एक्शन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई पांच सितंबर को तय की गई है. अदालत ने दोषियों के खिलाफ न केवल एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है, बल्कि अवैध रूप से डंप किए गए मलबे को हटाने की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी है. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ कर रही है.

इस मामले में पूर्व की सुनवाई के दौरान अदालत ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को दोषी अफसर के खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन के आदेश जारी किए थे. अदालत ने कहा था कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदार ने नाले में अवैध डंपिंग की है. अदालत ने प्रमुख अभियंता के शपथ पत्र का अवलोकन करने पर पाया कि नाले के पास ही ठेकेदार को डंपिंग के लिए पांच जगह चिन्हित करके दी गई है. हाईकोर्ट ने खेद जताते हुए कहा कि पेयजल टैंक से ऊपर की तरफ ही सभी डंपिंग साइट चिन्हित करना कोई समझदारी का काम नहीं है. बारिश के दौरान सारा मलबा नीचे की तरफ बहता है और पीने के पानी को दूषित करता है.

अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग की ओर से दायर रिपोर्ट का अवलोकन किया और पाया था कि अवैध डंपिंग के लिए ठेकेदार जिम्मेदार है. अदालत ने अपने आदेश में भी कहा था कि विभाग की लापरवाही के कारण ठेकेदार ने अवैध डंपिंग की है. रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को बताया गया था कि स्कूल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मोतला गांव के आसपास भारी मलबा पाया गया. इस मलबे से घरों और गौशाला को बहुत नुकसान हुआ है. पानी के टैंक को भी नुकसान होने की आशंका है. कई घरों में अभी तक भी मलबा भरा हुआ है, जिन्हें अब लोगों ने छोड़ दिया है.

अदालत को बताया था कि जुलाई 2021 और अगस्त 2022 के महीने में भारी बारिश के कारण मोतला गांव में मलबा जमा हो गया था. इस मामले में याचिकाकर्ता संजीवन सिंह ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग की लापरवाही से पूरे गांव में मलबा भर गया है. अदालत ने सरकारी कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है और एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है.

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