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Himachal High court: हिमाचल में सीएम, डिप्टी सीएम व विधायकों के खिलाफ 65 आपराधिक मामले, राज्य सरकार की हाईकोर्ट से गुहार, निरस्त किये जाएं सारे केस - हिमाचल सीएम के खिलाफ अपराधिक केस

राज्य सरकार ने सीएम, डिप्टी सीएम और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलो को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट में एक आवेदन दायर कर सभी केस निरस्त करने की गुहार लगाई है. वहीं, दाखिल किए गए आवेदन में सरकार का कहना है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए है. पढ़ें पूरी खबर.. (Himachal High Court)

Himachal govt appealed to Hc to cancel case of MLAs
हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट से विधायकों के केस रद्द करने की अपील की

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 16, 2023, 9:20 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में माननीय यानी विधायकों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में 65 अभियोग दर्ज हैं. इनमें सीएम, डिप्टी सीएम व अन्य विधायक शामिल हैं. अब राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर कर गुहार लगाई है कि इन आपराधिक मामलों को निरस्त किया जाए. दरअसल, हिमाचल सरकार के गृह विभाग ने अदालत से ऐसे 65 अभियोगों को वापिस लेने की अनुमति मांगी है. गृह विभाग ने अपने आवेदन में कहा है कि राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज मामलों को वापिस लिए जाने की अनुमति प्रदान की जाए.

जानकारी के अनुसार, सरकार की तरफ से दाखिल किए गए आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया गया है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत अन्य विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अपराधिक मामले चल रहे हैं. सरकार का कहना है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए है. वर्तमान और पूर्व विधायको के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं. राज्य सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन किसी छुपे हुए उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है. अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्ति किया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा ही किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हाईकोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है और आदेश दिए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए. उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान और रैली, धरने आदि में शामिल होने पर कई बार पुलिस केस बनते हैं. इन मामलों का बाकायदा उस शपथ पत्र में उल्लेख होता है जो चुनाव लड़ने से पूर्व निर्वाचन आयोग के सामने दाखिल किया जाता है. माननीयों के खिलाफ दर्ज मामलों के निपटारे को लेकर अक्सर लंबा समय हो जाता है. ऐसे में राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि इन आपराधिक मामलों को निरस्त किया जाए.

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