शिमला:हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस सीजन से सेब वजन के हिसाब से बेचने की व्यवस्था प्रदेश में लागू की है, लेकिन इसको मानने के लिए आढ़ती तैयार नहीं हैं. सरकार की सख्ती के बाद आढ़तियों ने मंडियों में कामकाज करना छोड़ दिया है. गुरुवार को भी शिमला सहित अन्य मंडियों में सेब की बिक्री नहीं की गई. इससे बागवानों को काफी दिक्कतें आईं. मंडियों में बागवानों का सेब पड़ा रहा. इससे बागवानों का सेब खराब होने की संभावना बन गई है. उधर, सरकार ने आढ़तियों के एकाएक लिए इस फैसले पर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि सरकार आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
मंडियों में कामकाज बंद करने के आढ़तियों के फैसले से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस तरह से हड़ताल पर जाने से बागवानों को दिक्कतें उठानी पड़ी. सेब बागवान आज भट्टाकुफर मंडी में बागवान अपना सेब लेकर आए थे, उनका सेब मंडी में पड़ा रहा. करसोग सहित कई इलाके से बागवान मंडी में अपना सेब लेकर आए थे. उनका कहना था कि उनको आढ़तियों ने सेब लाने को कहा था, लेकिन यहां उनको बताया गया कि सेब नहीं बेचा जाएगा. इससे उनका सेब खराब होने की संभावना हो गई है. बागवानों ने बगीचों में सेब का तुड़ान कर दिया है. बागवानों ने सरकार ने हस्तक्षेप की मांग की है.
सरकार नहीं झुकेगी, आढ़तियों पर होगी कार्रवाई:वहीं, सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस फैसले से पीछे नहीं हटेगी. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार ने बागवानों के हित में यह फैसला लिया है. कई सालों से बागवान यह मांग कर रहे थे कि सेब वा अन्य फल वजन के हिसाब से बिके. इसके चलते सरकार ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसी के दवाब में नहीं आएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि एक राजनीतिक पार्टी आढ़तियों को भड़का रही है. सरकार ने कानून के तहत यह फैसला लिया है और इसका उल्लंघन करने वाले आढ़तियों पर कार्रवाई होगी.