शिमला: उच्च न्यायालय ने कुष्ठ केंद्र के रोगियों के हित में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त (Himachal government in the interest of leprosy patients) किया है. अपनी संतुष्टि दर्ज करते हुए मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने कहा प्रतिवादियों द्वारा उठाए गए कदम न्यायालय द्वारा पारित आदेशो में संतुष्टि की भावना को दर्ज करते है. अदालत ने यह आदेश स्थानीय निवासी नीरज शाश्वत द्वारा दायर याचिका पर पारित किए जिसमें कुष्ठ रोगियों के लिए फागली, शिमला में एक टूटी-फूटी इमारत की बुनियादी सुविधाओं की कमी और दयनीय स्थिति का आरोप लगाया गया था.
अपर मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) के हलफनामे के माध्यम से न्यायालय (Himachal high court) को बताया गया कि कुष्ठ केंद्र के रोगियों से किराया, बिजली और पानी शुल्क नहीं लेने के लिए आवश्यक निर्देश राज्य सरकार द्वारा 24 मार्च 2022 को जारी कर दिए हैं. कुष्ठ कॉलोनी की मरम्मत का कार्य ठेकेदार को सौंप दिया गया है और वर्तमान में उक्त कार्य प्रगति पर है. उक्त हलफनामे में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कुष्ठ रोगी कालोनी के मरीजो को 5 किलो चावल और गेहूं मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission) के तहत रियायती राशन भी दिया जा रहा है.