शिमला: जिला शिमला के चिखड़ स्कूल में दलित वर्ग से संबंध रखने वाली मिड -डे मील महिला कर्मी से किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं हो रहा है. प्रारंभिक शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की तरफ से अदालत को सौंपी गई जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को बंद कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान:उल्लेखनीय है कि जिला शिमला के दूरदराज स्कूल चिखड़ में जातिगत भेदभाव की शिकायत से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट छपी थी. मीडिया रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया. अदालत ने पूरे मामले की जांच कर उसकी रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए थे. प्रारंभिक शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने मामले की जांच की. डिप्टी डायरेक्टर ने 28 अप्रैल को जांच की और पाया कि स्कूल में जातिगत भेदभाव की कोई शिकायत नहीं है. जांच में पाया गया कि स्कूल के स्टाफ और एसएमसी ने एक शिक्षक पर इस मामले में अफवाह उड़ाए जाने का संदेह जताया.
अफवाह उड़ाने वाला शिक्षक स्थानांतरित:अदालत में पेश जांच रिपोर्ट में बताया गया कि अफवाह उड़ाने वाले शिक्षक के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है. उक्त शिक्षक को चिखड़ स्कूल से स्थानांतरित किया जा चुका है.जिला शिमला के चिखड़ स्कूल में जातिगत भेदभाव की शिकायत से जुड़ी खबर मीडिया में आई थी. शिकायत के अनुसार स्कूल में मिड-डे मील तैयार करने वाली महिला कर्मी के साथ जातिगत भेदभाव हो रहा है. मीडिया में आई खबर के अनुसार चिखड़ स्कूल के प्रधानाचार्य ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग के डिस्ट्रिक्ट डिप्टी डायरेक्टर को जातिगत भेदभाव की शिकायत बीते दिसम्बर माह (दिसंबर 2022) में की थी.