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Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून की बारिश ने ली अब तक 381 लोगों की जान, ₹8642 करोड़ का नुकसान - हिमाचल प्रदेश में मानसून से 8642 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में आई मानसून की तबाही के कारण अब तक 8642 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, 381 लोग जान गंवा चुके हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर... (Loss due to monsoon rains in Himachal) (Himachal Monsoon).

Loss due to monsoon rains in Himachal
हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से 8642 करोड़ का नुकसान

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 9:38 PM IST

शिमला:प्रदेश में मानसून की बारिश ने इस बार कहर बरपाया है. बारिश से इस बार हिमाचल को करीब 8642 करोड़ का नुकसान हुआ है. सड़कों, पानी और अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ निजी संपत्तियों की भारी तबाही हुई है. हालांकि प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोनजाओं को बहाल करने का काम किया जा रहा है, मगर अभी भी काफी संख्या में सड़कें बंद हैं और कई पानी की परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हैं. करीब 348 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं जिनको खोलने के प्रयास जारी हैं. मानसून की बारिश में 381 लोग जान गंवा चुके हैं.

प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. अब तक करीब 8642 करोड़ का नुकसान बारिश से प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2927 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 348 सड़कें बंद हैं. इनमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 155 सड़कें बंद हैं जबकि शिमला जोन में 86 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. हमीरपुर जोन में 49 और कांगड़ा जोन में 55 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 1190 मशीनें लगाई हुई हैं.

भूस्खलन और भारी बारिश से सड़कें हुई क्षतिग्रस्त
जलशक्ति विभाग की 65 परियोजनाएं ठप्प:प्रदेश में भारी बारिश के बाद भूस्खलन बड़ी संख्या में पानी और अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19515 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11037 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 10972 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. मगर अभी भी 65 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इससे कई इलाकों में पानी की किल्लत हो गई है. पेयजल के अलावा सिंचाई की 2686 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 168 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 2115 करोड़ का नुकसान हो चुका है.प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1739 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.भूस्खलन-बाढ़ से 13114 हजार से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त: भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में रिहायशी और अन्य मकान भी बड़ी सख्या में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13114 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2457 मकान पूरी तरह से तबाह हुए और 10648 घरों को भी आशिंक क्षति पहुंची हैं. प्रदेश में 312 दुकानों और 5517 गौशालाएं भी भूस्खलन और बारिश में ढह गईं. अबकी बार बरसात में 381 जानें गई हैं जबकि 360 लोग जख्मी भी हुए.

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