शिमला:कोटखाई कस्टोडियल डेथ केस में आरोपी हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी ने अब चंडीगढ़ सीबीआई की स्पेशल अदालत में नई याचिका दायर की है. पूर्व आईजी ने दायर याचिका में अपील करते हुए कहा कि केस का ट्रायल सही तरीके से चलाने सरकारी पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करवाने के लिए सभी आरोपी, उनके वकील और सरकारी पक्ष कोर्ट में मौजूद हैं. इस पर फैसला 19 नवंबर को कोर्ट सुनवाई होगी.
जहूर हैदर जैदी ने अपील की है कि इस दौरान किसी भी पक्ष को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इजाजत न दी जाएं. दरअसल पिछले सोमवार यानि 2 नवंबर को जैदी की फिजिकल हियरिंग शुरू करने की मांग को लेकर सरकारी पक्ष सहित कुछ आरोपियों ने मंजूरी दी थी और कुछ ने नहीं दी थी. इस दौरान जमानत पर छूटे आरोपियों ने केस ट्रायल में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर फिजिकल हियरिंग करवाने की मंजूरी नहीं दी थी.
इसके बाद जैदी ने नई याचिका दायर कर कहा कि कोरोना वायरस से पहले केस का ट्रायल चलाने और गवाहों के बयान कोर्ट रूम में जज के सामने शारीरिक रूप से उपस्थित होकर लिए जाते थे, लेकिन फिजिकल हियरिंग के बिना केस का ट्रायल सही तरीके से होने की संभावना नहीं है. इस कारण सभी आरोपियों को उनके वकीलों के साथ कोर्ट में ही बुलाया जाए.
आपको बता दें कि जुलाई 2017 में शिमला के कोटखाई में एक छात्रा का जंगल से शव बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी. आईजी जैदी की अगुवाई में बनी एसआईटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था. इसमें नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी शामिल था. कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी.
सीबीआई जांच में पता चला कि पुलिस के टॉर्चर से सूरज की मौत हुई. मामले में सीबीआई ने आईजी जहूर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग डीएसपी मनोज जोशी, पूर्व एसएचओ कोटखाई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, हेड कन्स्टेबल, सूरत सिंह मोहनलाल, रफी अली और कॉन्स्टेबल रंजीत समेत 9 लोगों को आरोपी बनाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की विशेष अदालत चंडीगढ़ में केस ट्रांसफर किया था.