शिमला:हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक के बाद नई-नई सत्ता में आई सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इसे भंग कर दिया था. उसके बाद हाल ही में कैबिनेट मीटिंग में सुखविंदर सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग स्थापित करने का फैसला लिया था. ये फैसला 14 सितंबर को कैबिनेट मीटिंग में लिया गया था. इसी संदर्भ में राज्य सरकार ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अगुवाई में नई भर्ती एजेंसी के प्रारूप व फंक्शन को लेकर कमेटी बनाई थी. उस कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है.
20 अक्टूबर को बैठक:अब सानन कमेटी की अंतिम रिपोर्ट आने से पहले हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को लेकर सरकार ने बड़ी पहल की है. राज्य सरकार की तरफ से नए आयोग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आईएएस अफसर डॉ. आरके प्रूर्थी 20 अक्टूबर को हमीरपुर में आयोग की गतिविधियों से संबंधित विषयों पर मीटिंग लेंगे. राज्य सरकार ने पहले ही एचपीएएस अधिकारी जितेंद्र सांजटा को प्रशासनिक अधिकारी यानी एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर नियुक्त कर रखा है. इसके अलावा आयोग को 15 अन्य कर्मचारी भी दिए गए हैं. अब मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. आरके प्रूर्थी शुक्रवार 20 अक्टूबर को हमीरपुर में मीटिंग लेंगे. वे गुरुवार यानी आज हमीरपुर पहुंचेंगे और अगले दिन बैठक करेंगे.
पेपर लीक से हिमाचल में हलचल: उल्लेखनीय है कि नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद 23 दिसंबर 2022 को हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक का मामला सामने आया था. इस मामले में उमा आजाद नामक महिला मुख्य आरोपी है. उमा आजाद हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में वरिष्ठ सहायक थी. पेपर लीक का ये धंधा उमा आजाद ने चालाकी के साथ बुना था. पोल खुलने और धांधली सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में हलचल मच गई थी. बाद में सुखविंदर सरकार ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को ही भंग कर दिया था. इस मामले में विजिलेंस जांच चल रही है. पेंडिंग रिजल्ट निकाले जाने की मांग को लेकर युवा अभ्यर्थी कई बार सरकार के समक्ष आग्रह कर चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला है.