शिमलाःआए दिनों ई-मेल अकाउंट को हैक करने के मामले सामने आ रहे हैं. हैकर विभिन्न उपकरणों का उपयोग कर पीड़ित का ई-मेल हैक कर रहे हैं. शातिर ई-मेल के वास्तविक ई-मेल खातों से कथित रूप से फिशिंग ई-मेल भेज रहे हैं. इसमें उपभोक्ता का सिस्टम अपडेट, डाटा हानि, प्रौद्योगिकी उन्नयन, नियामक अनुपालन जैसे बहानों के जरिए पीड़ित को पासवर्ड और अन्य का जरूरी क्रैडेंशियल अपडेट करने के लिए एक पृष्ठ पर जाने के लिए प्रेरित किया जाता है. इस लिंक के जरिए उपभोक्ता नकली पेज पर चला जाता है. इस नकली पृष्ठ पर जाते ही उपभोक्ता की लॉगइन आईडी और पासवर्ड ठग चोरी कर लेते हैं.
हिमाचल पुलिस के IG अतुल फुलझेले से जानिए फॉड कैसे करते हैं ठगी की कोशिश
हिमाचल पुलिस के IG अतुल फुलझेले ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे अटैचमेंट वाले स्पैम मेल के जरिए मैलवेयर एंबेड किए जाते हैं. एक बार जब ई-मेल खुल जाता है और अटैचमेंट सक्रिय हो जाता है, तो मैलवेयर डिवाइस पर सावधानी से डाउनलोड कर इंस्टॉल हो जाता है. मैलवेयर एक की-लोगर हो सकता है, जो देख धोखेबाजों को सभी की-बोर्ड टाइप कैप्चर करता है और भेजता है. इसमें खाते के पासवर्ड भी शामिल होते हैं. अन्य संभावित मैलवेयर हो सकते हैं, जो स्क्रीनशॉट कैप्चर करते हैं या सेव किए गए पासवर्ड को पढ़ और प्रसारित कर सकते हैं.
ऐसे ठगी करते हैं शातिर
कारक प्रमाणीकरण वाले ई-मेल खातों को भी हैक किया जा सकता है. जब उपयोगकर्ता सोशल इंजीनियरिंग टूल द्वारा धोखेबाजों के साथ ओटीपी साझा करते हैं. उन्होंने बताया कि एक बार ई-मेल अकाउंट हैक हो जाने के बाद अपराधी सभी संपर्कों को एसओएस मेल भेजकर आपात स्थिति में पैसे की मांग करते हैं. इसके अलावा मित्रों और रिश्तेदारों को आपत्तिजनक संदेश भेज कर फिरौती भी मांगी जाती है. ई-मेल को हैक कर शातिरों की ओर से ऑनलाइन खातों, नेट बैंकिंग और सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए भी ठगी करने की कोशिश की जाती है.