शिमला: हिमाचल के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियां सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार करेगी. सरकार शिक्षा विभाग में 3104 अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियां करेगी. इनमें राज्य कैडर के शिक्षकों की नियुक्तियां शिक्षा निदेशालय के माध्यम से की जाएगी, जबकि जिला कैडर शिक्षकों की नियुक्तियां संबंधित जिलों के शिक्षा उपनिदेशक करेंगे. अस्थाई शिक्षकों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का चयन मेरिट आधार पर होगा. इसकी ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की गई है. शिक्षकों की नियुक्तियां तीन साल के लिए की जाएंगी.
शिक्षा विभाग की ओर से जो ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की गई है. उसके अनुसार कुल 3104 शिक्षकों के पदों में से टीजीटी आर्ट्स के 532 पद, टीजीटी नॉन मेडिकल के 389 पद, टीजीटी मेडिकल के 216 पद, शास्त्री के 247 पद, कला अध्यापक के 143 पद, जेबीटी के 1577 पद भरे जाएंगे. इन शिक्षकों को एक निर्धारित वेतन पर रखा जाएगा. जिनमें टीजीटी को 22860 रुपए, सीएंडवी टीचर्स को 21360 रुपए, जेबीटी को 17820 रुपए का फिक्स वेतन दिया जाएगा.
शिक्षकों की भर्ती के लिए उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार अंक दिए जाएंगे. इनमें टीजीटी के लिए मैट्रिक के 20 अंक, सीएंडवी के लिए 20 अंक और जेबीटी के लिए 10 अंक दिए जाएंगे. पीजीटी के लिए जमा दो के 10 अंक, टीजीटी व सीएंडवी के लिए 30 अंक, जेबीटी के लिए 35 अंक रखे जाएंगे. इसके पीजीटी, टीजीटी के लिए बीएड और जेबीटी के लिए जेबीटी सर्टिफिकेट के भी अंक रहेंगे. पीजीटी के लिए इसके 35 अंक, टीजीटी के लिए 25 अंक, सीएंडवी के लिए 25 अंक रहेंगे. इस तरह इन सभी वर्गों के शैक्षणिक योग्यता के कुल 100 अंक होंगे और उनके अंकों के अनुपात के आधार पर उनकी मेरिट तैयार कर चयन किया जाएगा. ये भर्तियां आरएंडपी रूल्स के आधार पर होंगी जिनमें आरक्षण के लिए रोस्टर सिस्टम भी लागू होगा.
कैबिनेट सब कमेटी ने ड्राफ्ट पालिसी पर चर्चा की है. बीते दिन उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में हुई सब कमेटी में इस ड्राफ्ट पालिसी पर चर्चा की गई. जिसमें बागवानी मंत्री जगह सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर मौजूद रहे. नई भर्ती नीति को कैबिनेट फाइनल करेगी. उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग के तहत करीब 22974 पद विभिन्न वर्गों के खाली पड़े हुए हैं, इनमें शिक्षकों के ही करीब अठारह से बीस हजार पद खाली हैं. ऐसे में सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए इस नई नीति के तहत भर्तियां करने जा रही हैं. अभी तक हिमाचल लोक सेवा आयोग ही भर्तियां करता रहा है लेकिन आयोग की माध्यम से हो रही भर्ती में समय लग रहा है, ऐसे में सरकार अपने स्तर पर ही अस्थाई शिक्षकों की भर्तियां करने का फैसला ले रही है.
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