शिमलाः हिमाचल विधानसभा में कर्ज लेकर घी पीने वाली उक्ति खूब दोहराई गई. नेता प्रतिपक्ष से लेकर अन्य विपक्षी दलों ने कर्ज के मर्ज पर सरकार को घेरा है.
इसी बीच बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 15 जनवरी 2019 तक 1838 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. इस तरह 15 जनवरी तक प्रदेश पर 49745 करोड़ रुपए कर्ज हो गया है.
लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार की कर्ज लेने की अधिकतम सीमा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत निर्धारित है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा 4524 करोड़ रूपये आंकी है. वित्त वर्ष 2018-19 में इस साल 15 जनवरी तक प्रदेश सरकार ने 1838.75 करोड़ रूपये का शुद्ध कर्ज लिया है. इससे इस अवधि तक प्रदेश पर 49745 करोड़ रूपये का कर्ज हो गया है.
वहीं, बजट पर सामान्य चर्चा का उत्तर देते हुए भी सीएम ने कर्ज को लेकर विस्तार से सरकार का पक्ष रखा और बताया कि किस तरह पूर्व की सरकारों द्वारा उठाए गए अंधाधुंध कर्ज के कारण राज्य की ये हालत हुई है.