शिमला:पूर्व मंत्री और एआईसीसी के सचिव सुधीर शर्मा ने प्रेस में जारी बयान में केंद्र सरकार पर चीन पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर निशाना साधा है और कहा कि चीनी सेना भारत की सीमाओं में प्रवेश कर चुकी है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीकार नहीं कर रहे है और न देश की जनता को सच्चाई बता रहे है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है.
पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, बोले- देश को गुमराह कर रहे पीएम मोदी
पूर्व मंत्री और एआईसीसी के सचिव सुधीर शर्मा ने प्रेस में जारी बयान में केंद्र सरकार पर चीन पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर निशाना साधा है. वहीं, सुधीर शर्मा ने देश मे बढ़ रहे कोरोना मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में 4,00,000 से अधिक कोरोनो वायरस के मामलों और लगभग 10,000 मौतों के साथ यह समझ से बाहर है कि सरकार किस प्रकार से दावा कर रही है कि वायरस समुदाय में नहीं फैल रहा है.
सुधीर शर्मा ने कहा कि लद्दाख में हुई हिंसक घटना से चीन एकतरफा स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन बाद बयान देते है कि किसी ने भी हमारे क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की है जबकि ये बयान सरकार के उन दावों के विपरीत है, जिसमें पिछले सप्ताह चीनी सेना के साथ हिसंक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. उन्होंने कहा कि एलएसी में कोई चीनी सैनिक उपस्थित नहीं था तो भारतीय सैनिकों ने गलवान में चीनी सैनिकों की कोशिश को अपने प्राणों की शहादत के साथ नाकाम किया. यह हमारी विदेशी कूटनीति में एक और बहुत बड़ी कमी प्रतीत होती है.
वहीं, सुधीर शर्मा ने देश मे बढ़ रहे कोरोना मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में 4,00,000 से अधिक कोरोनो वायरस के मामलों और लगभग 10,000 मौतों के साथ यह समझ से बाहर है कि सरकार किस प्रकार से दावा कर रही है कि वायरस समुदाय में नहीं फैल रहा है. सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि किसी भी समुदाय में वायरस फैला नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक भ्रम है और लोगों को झूठी उम्मीद देता है कि वे सुरक्षित हैं, जबकि कई विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है और अगले दो महीनों में इसके चरम पर पहुंचने की उम्मीद है. इसका अर्थ है कि इस बीमारी के सितंबर तक अपने चरम सीमा पर रहने की संभावना है. वहीं, ज्यादा मरीज आने पर अस्पतालों में इलाज के लिए जगह तक नहीं रहेगी.
सुधीर ने कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान जो लोग घर वापिस गए, उनकी आजीविका समाप्त हो गई है. इसका मुख्य कारण बिना सोचे समझे लॉकडाउन लगाना था. वहीं, लाखों मजदूरों को हजारों किलोमीटर का सफर पैदल चल कर अपने घरों तक जाना पड़ा और केंद्र सरकार मजदूरों को जाने की उचित व्यवस्था तक नहीं दे पाई.