शिमला: भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है. भारत इस समय चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. कोरोना महामारी के बीच अब एक बार फिर बढ़ती जनसंख्या की ओर गया है. इसके साथ ही कोरोना महामारी के दौरान भारत के सामने आर्थिक संकट खड़ा हुआ है. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एंव अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शांता कुमार ने बताया कि कैसे भारत इन दोनों से समस्याओं से पार पा सकता है.
शांता कुमार ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी समस्या जनसंख्या है. हालात सामान्य होने के बाद सबसे पहला काम बढ़ती आबादी को रोकने का होना चाहिए. हमारा नारा हम दो-हमारे दो होना चाहिए. भारत की आबादी 140 करोड़ तक पहुंच चुकी है. हर साल भारत की जनसंख्या 1 करोड़ 60 तक बढ़ रही है. जनसंख्या विस्फोट के कारण भारत आज दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल हो गया है.
शांता कुमार ने कहा कि भारत की सभी सरकारों ने गरीबी दूर करने की कोशिश की है. 2014 के बाद सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. सरकार ने अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरा प्रयास किया है, लेकिन सरकार जनसंख्या विस्फोट के आगे बेबस है. इतनी रफ्तार से बढ़ रही आबादी के कारण सरकार गरीबी दूर नहीं कर सकती है.
शांता कुमार ने कहा कि पीएम मोदी का सबका साथ-सबका विकास का नारा बहुत अच्छा है, लेकिन ये काफी नहीं है. मैने उन्हें पत्र लिखकर कहा था कि ये पर्याप्त नहीं है. सबसे पहले गरीब का विकास होना चाहिए. हंगर इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक आज भी भारत में 19 करोड़ ऐसे लोग हैं जो रात को भूखे पेट सोते हैं. आजादी के 72 साल बाद इतने लोग भूखे पेट सोते हैं तो ये दुर्भाग्य और शर्म की बात है.
शांता कुमार ने कहा कि देश से भूखमरी को खत्म करने के लिए उन्होंने 2014 को पीएम को पत्र लिखकर सुझाव दिया था. भूखमरी को समाप्त करने के लिए एक अंतोदय मंत्रालय बनाना चाहिए. यह मंत्रालय सिर्फ 19 करोड़ लोगों को भूखमरी की स्थिति से बाहर निकालेगा. देश के सभी साधनों को इन 19 करोड़ लोगों की ओर प्रवाहित करना पड़ेगा. साल 1977 में हिमाचल में बीजेपी की सरकार ने अंतोदय कार्यक्रम शुरू किया था. इसके तहत एक करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा था और सिर्फ एक साल के अंदर ही 30 प्रतिशत लोगों को गरीबी से बाहर निकाला था.