शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला का बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है. गुड़िया के परिजनों ने न्याय के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट में 10 सितंबर को तीन जजों की बैंच मामले की सुनवाई करेगी. हालांकि सीबीआई ने इस केस की जांच के बाद अनिल उर्फ नीलू चरानी को दुष्कर्म तथा हत्या का दोषी पाया है.
शिमला की स्थानीय अदालत में दोषी के खिलाफ सुनवाई चल रही है, लेकिन गुड़िया के परिजनों का मानना है कि इस जघन्य वारदात में और लोग भी शामिल हैं. इसीलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है. गुड़िया की मां ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका पर 10 सितंबर को सुनवाई तय हुई है. न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति एनवी रमन, न्यायमूर्ति सूर्यकांत व न्यायमूर्ति ह्रषिकेश की तीन सदस्यीय बैंच याचिका पर सुनवाई करेगी.
पीड़ित परिवार ने सीबीआई की जांच पर भी सवाल उठाए हैं. शुरू से ही गुड़िया को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे मदद सेवा ट्रस्ट ने पीड़ित परिवार की मदद करते हुए केस को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया है. मदद सेवा ट्रस्ट की मुखिया तनुजा के अनुसार गुड़िया की मां की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.