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गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामला: परिजनों ने इन्साफ के लिए खटखटाया SC का दरवाजा, 10 सितंबर को सुनवाई

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Published : Sep 8, 2020, 10:55 PM IST

गुड़िया के परिजनों ने न्याय के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गुड़िया की मां की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट में 10 सितंबर को तीन जजों की बैंच मामले की सुनवाई करेगी.

गुड़िया कोर्ट रेप एंड मर्डर केस
सुप्रीम कोर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला का बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है. गुड़िया के परिजनों ने न्याय के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट में 10 सितंबर को तीन जजों की बैंच मामले की सुनवाई करेगी. हालांकि सीबीआई ने इस केस की जांच के बाद अनिल उर्फ नीलू चरानी को दुष्कर्म तथा हत्या का दोषी पाया है.

शिमला की स्थानीय अदालत में दोषी के खिलाफ सुनवाई चल रही है, लेकिन गुड़िया के परिजनों का मानना है कि इस जघन्य वारदात में और लोग भी शामिल हैं. इसीलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है. गुड़िया की मां ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका पर 10 सितंबर को सुनवाई तय हुई है. न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति एनवी रमन, न्यायमूर्ति सूर्यकांत व न्यायमूर्ति ह्रषिकेश की तीन सदस्यीय बैंच याचिका पर सुनवाई करेगी.

पीड़ित परिवार ने सीबीआई की जांच पर भी सवाल उठाए हैं. शुरू से ही गुड़िया को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे मदद सेवा ट्रस्ट ने पीड़ित परिवार की मदद करते हुए केस को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया है. मदद सेवा ट्रस्ट की मुखिया तनुजा के अनुसार गुड़िया की मां की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

तनुजा का कहना है कि सीबीआई की टीम ने फॉरेंसिक विज्ञान निदेशालय गुजरात की रिपोर्ट शिमला की अदालत में नहीं दी थी. उनका मानना है कि अकेला व्यक्ति इतना जघन्य कांड नहीं कर सकता. फिलहाल अब सबकी नजरें गुरूवार के दिन सुप्रीम कोर्ट पर रहेंगी.

ये था मामला

ऊपरी शिमला के हलाईला क्षेत्र में दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ चार जुलाई 2017 को दुष्कर्म हुआ. दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. मामले में पहले हिमाचल पुलिस ने जांच की. पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनमें से एक आरोपी सूरज की हवालात में मौत हो गई थी.

जनआक्रोश भड़कने पर हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. जांच में पुलिस की थ्योरी गलत साबित हुई. सीबीआई ने सभी आरोपितों को क्लीन चिट दी. बाद में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में अनिल उर्फ नीलू चरानी को गिरफ्तार किया. इस मामले का शिमला की एक अदालत में ट्रायल चल रहा है. वहीं, कस्टोडियल डैथ मामले में आईजी रैंक के अफसर सहित अन्य पुलिस वाले जेल में हैं.

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