शिमला:हिमाचल में इन दिनों तेजी से आई फ्लू का प्रकोप फैल रहा है. अब राजधानी में आई फ्लू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दरअसल, आईजीएमसी में रोजाना 15 से 20 मरीज आ रहे हैं. अब तक आईजीएमसी में एक हजार से ज्यादा मरीज अपना उपचार करवा चुके है. बता दें, आई फ्लू ज्यादातर छोटे बच्चों को हो रहा है. ऐसे में अब चिकित्सकों द्वारा लोगों को सावधानी बरतनें के निर्देश दिए जा रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर एडवाजरी भी जारी की है. बताया जा रहा है कि मौसम में बदलाव के कारण कंजंक्टिवाइटिस नामक नेत्र रोग हो रहा है. इसे सामान्य भाषा में आई फ्लू कहा जाता है.
फंगस के संक्रमण से होता है आई फ्लू:दरअसल, यह नेत्र रोग ज्यादातर धूल भरे मौसम में या हल्की ठंड और गर्म मौसम में फैलता है. वायरस, वैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण की वजह से आई फ्लू होता है. आई फ्लू वैसे तो ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन आंखों में होने के कारण ये कष्टदायक होता है. ये एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है. बच्चे इस रोग के शिकार सबसे ज्यादा होते हैं और उन्हें यह संक्रमण स्कूल, खेल के मैदान में दूसरे संक्रमित बच्चों के संपर्क में आने से होता है. इस संक्रमण में आंखों में जलन होती है. आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है, लेकिन कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है. ध्यान रहे कि श्वसन तंत्र या नाक, कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है. इस संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है. इससे बचने के लिए इन दिनों लोगों को सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा.
जानिए आई फ्लू के लक्षण:आंखों का ये संक्रमण आंखों की सफेद सतह की ऊपरी परत में होता है. इससे आंखे लाल हो जाती हैं,आंखों से पानी आने लगता है और तीव्र जलन होती है. पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है. आंखों में चुभन होती है और सूजन आ जाती है तथा तेज दर्द होता है. वहीं, इस कारण आंखों में खुजली भी होती है, कई बार इस संक्रमण के कारण बुखार भी हो जाता है.