शिमला: हिमाचल में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश में कोरोना मामलों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. साथ ही कोरोना के 50 से ज्यादा मामले एक्टिव हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कोरोना महामारी को लेकर चिंता जाहिर की है.
शांता कुमार ने कहा कि कोरोना संकट ना थमा है ना टला है. ये संकट लागातार बढ़ता जा रहा है. इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. हिमाचल के ही नहीं पूरे भारत के करोड़ों लोग रोजी-रोटी के लिए दूसरे शहरों में गए हैं. कोरोना संकट के बीच कामकाज बंद हैं. लोग घर का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में बाहर फंसे हुए लोगों को घर लाना जरूरी है, लेकिन लोगों को घर वापिस लाते समय सावधानी नहीं बरती गई तो इन्हें घर वापिस लाना बहुत बड़ा संकट बन जाएगा.
शांता कुमार ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए खास व्यवस्था करनी होगी. जिनती व्यव्स्था हम कर सकते हैं उतने ही लोगों को हमे लाना होगा. तभी हम इसे रोक सकते हैं, क्योंकि इस बीमारी के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. इतिहास में विश्व इस तरह का संकट पहली बार झेल रहा है.
शांता कुमार ने कहा कि बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को इस समय वापिस लाना बहुत कठिन है, लेकिन सरकार ने इस काम को बड़ी सफलता से करने की कोशिश की है. हर प्रदेश में इतने अधिक लोग बाहर से आ रहे हैं. एकदम से लोगों के सैलाब को संभालना मुश्किल हैं. हिमाचल सरकार ने वापिस आ रहे लोगों को रखने के लिए अच्छी व्यवस्था की है. हमे उतने ही लोगों को प्रवेश देना चाहिए जितनी हमारी क्षमता है.
शांता कुमार ने कहा कि भारत की असली समस्या जनसंख्या विस्फोट है. गुजरात में 40 लाख लोग बाहरी राज्यों के काम करते हैं. हिमाचल जैसे राज्य में सभी लोगों को रोजगार देना कठिन है, लेकिन कृषि व्यवसाय की तरफ रुख कर इसका हल कुछ हद तक निकाला जा सकता है. इसके साथ ही धीरे-धीरे हमे कोरोना के साथ जीना और मरना सीखना होगा. धीरे-धीरे उद्योग धंधे शुरू होंगे और सभी लोगों को रोजगार मिलेगा.
शांता कुमार ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी समस्या जनसंख्या है. हालात सामान्य होने के बाद सबसे पहला काम बढ़ती आबादी को रोकने का होना चाहिए. हमारा नारा हम दो-हमारे दो होना चाहिए. भारत की आबादी 140 करोड़ तक पहुंच चुकी है. हर साल भारत की जनसंख्या 1 करोड़ 60 तक बढ़ रही है. जनसंख्या विस्फोट के कारण भारत आज दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल हो गया है.
शांता कुमार ने कहा कि भारत की सभी सरकारों ने गरीबी दूर करने की कोशिश की है. 2014 के बाद सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. सरकार ने अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरा प्रयास किया है, लेकिन सरकार जनसंख्या विस्फोट के आगे बेबस है. इतनी रफ्तार से बढ़ रही आबादी के कारण सरकार गरीबी दूर नहीं कर सकती है.