शिमला: बुरी तरह से आर्थिक संकट में फंसी हिमाचल सरकार को इस वित्त वर्ष में राजस्व बढ़ोतरी के तौर पर 1100 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है. राज्य सरकार ने शराब ठेकों की नीलामी से 550 करोड़ रुपए जुटाए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि मानसून सीजन में अभूतपूर्व तबाही न होती तो राजस्व बढ़ोतरी का आंकड़ा 1500 करोड़ रुपए को छू जाता. सीएन ने कहा कि मानसून सीजन में पर्यटन कारोबार सहित अन्य मदों में राजस्व की हानि हुई है. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्व बढ़ोतरी की दिशा में सार्थक परिणाम आए हैं.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस ने ओपीएस की बहाली का वादा किया था. सत्ता में आते ही सबसे बड़ी गारंटी पूरी की गई. उन्होंने कहा कि ओपीएस की बहाली के बाद केंद्र सरकार ने हिमाचल पर कई पाबंदियां लगाई हैं. इन पाबंदियों के कारण इस वित्त वर्ष में लोन लेने की सीमा 6600 करोड़ रुपये तय की गई है. इसके साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त (एक्सटर्नल फंडिड) परियोजनाओं के लिए तीन वर्ष में कुल 2900 करोड़ रुपये लेने की सीमा तय कर दी गई है. इससे पहले ये सीमा तय नहीं थी.
सीएम ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार ने इस वित्त वर्ष में मात्र 4100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. वहीं, भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने पर 1780 करोड़ रुपये की ग्रांट भी केंद्र से नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के भाजपा नेताओं को केंद्र सरकार से राज्य पर लगाई गई पाबंदियों को हटाने के लिए प्रयास करना चाहिए.