शिमलाः राजधानी शिमला में कुत्तों के शौकीन लोगों को कुत्ता पालना महंगा पड़ेगा. अब कुत्ता पालने के लिए हर साल पंजीकरण के साथ-साथ पंजीकरण फीस भी चुकानी होगी. नगर निगम शिमला अब कुत्तों के पंजीकरण के तहत शुल्क बढ़ाने जा रहा है.
शहर में घूमते आवारा कुत्ते यही नहीं नगर निगम ने फरमान जारी करते हुए शहर में कुत्तों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया है. यदि कोई मालिक अपने कुत्ते का पंजीकरण और शुल्क नहीं चुकाता है तो नगर निगम कड़ी कार्रवाई करेगा. इसके अलावा जो लोक कुत्तों को लेकर शहर की सैर करते हैं उन्हें अब बैग भी साथ रखना होगा, ताकि शहर में कुत्ता गंदगी न फैलाए.
इसके अलावा शहरवासियों को कार्यालय में जाकर पंजीकरण करवाना होगा. इसके बाद निगम एक टोकन जारी करेगा, जिससे कुत्ते की पहचान हो सकेगी. भविष्य में इस टोकन में चिप लगाने की भी योजना है, ताकि कुत्ते के मालिक की पूरी जानकारी तुरंत मिल सके.
बता दें कि शिमला में हुए जनमंच कार्यक्रम में कुत्तों के आतंक को लेकर मामला आया था, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने नगर निगम शिमला को शहर में सभी कुत्तों के पंजीकरण और उनकी नसबंदी करने के आदेश जारी किए हैं. जिसको देखते हुए नगर निगम के विशेष सदन में भी पार्षदों ने कुत्तों की नसबंदी को करने के निर्णय और पंजीकरण को लेकर निर्णय लिया गया है.
निगम जहां कुत्तों के पंजीकरण शुल्क की फीस 50 रुपये लेता था, उसे अब तीन गुणा तक बढ़ाने का प्रस्ताव लाने जा रहा है. साथ ही माल रोड पर यदि कोई कुत्ता मालिक कुत्ते को घुमाने के लिए लाता है तो उसे अपने साथ एक बैग रखना जरूरी होगा.
मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि 2007 से लेकर अब तक निगम ने शहर में करीब 8850 कुत्तों की नसबंदी की है, जबकि पिछले 6 माह के दौरान निगम ने करीब 107 कुत्तों की नसबंदी की है. इसके बाद भी शहर में कुत्तों के मामलों में लगातार बढोत्तरी हो रही है. कुत्तों के इस खौफ को देखते हुए निगम ने शहर के सभी कुत्ता मालिकों को कुत्तों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया है.