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उपकरण नहीं से लटका रिपन में ऑक्सीजन प्लांट का काम, CM ने दिए हैं ये निर्देश

उपकरणों की कमी के कारण रिपन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant at Ripon Hospital) स्थापित करने में देरी हो रही है. हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने किए 15 सितंबर तक का समय दिया गया है. वहीं, इस बारे में रिपन अस्पताल के एमएस ने बताया कि अस्पताल परिसर में लगने वाले दूसरे ऑक्सीजन प्लांट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. जल्द ही उपकरण वाली कंपनी से उपकरण भी आ जाएंगे.

Oxygen Plant at Ripon Hospital
रिपन में ऑक्सीजन प्लांट का काम.

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Published : Sep 12, 2021, 7:10 PM IST

शिमला: रिपन अस्पताल शिमला में दूसरा ऑक्सीजन प्लांट ((Oxygen Plant at Ripon Hospital) लगाया जा रहा है, जिसे प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने 15 सितंबर तक लगाने के निर्देश दिए हैं. अस्पताल में अब तक उपकरण न पहुंचने से ऑक्सीजन प्लांट का काम लटका हुआ है. जानकारी अनुसार रिपन अस्पताल में दूसरा ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है, जिसके लिए सारी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं. रिपन अस्पताल प्रशासन (Ripon Hospital Administration) का कहना है कि उपकरण जिस कंपनी से मंगवाया जा रहा है, वह जल्द ही सामान भेजेगी, उसके बाद ही उसे पूरा किया जा सकता है. ऑक्सीजन प्लांट के लगने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

बता दें कि शहर के बीचों बीच स्थित रिपन अस्पताल सरकार के दिशा निर्देश के बाद दूसरा ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है.ऑकसीनज प्लांट के लिए शेड, कंस्ट्रक्शन, बिजली आदि का काम भी पूरा हो चुका है. वहीं, इसकी जांच के लिए टीम भी निरीक्षण पर आएगी, जिसके सही पाए जाने के बाद दोनों ऑक्सीजन प्लांट से एक साथ ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. रिपन अस्पताल में अब दो प्लांट होंगे, जिससे मरीजों को अब अस्पताल में कोई परेशानी नहीं आएगी. कोरोना काल की पहली और दूसरी लहर में रिपन अस्पताल को कोविड केयर अस्पताल (covid care hospital) बनाया गया था, जिससे कि कोरोना मरीजों को कोई दिक्कत न आए.

वहीं, कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) में भी इसे कोविड केयर अस्पताल बनाने का अंदेशा जताया जा रहा है. प्लांट के लगने से अस्पताल के वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen supply in hospital wards) उपलब्ध होगी. हालांकि अस्पताल परिसर में पहले से एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है, जिसके साथ ही दूसरा भी लगाया जा रहा है. गौर रहे कि यह प्लांट पार्किंग की जगह पर बनाया गया है. अस्पताल में प्लांट नहीं होने से मरीजों को आईजीएमसी या नेरचॉक मंडी से ऑक्सीजन की सप्लाई मंगवानी पड़ती थी.

ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होने के कारण सिलेंडरों के ऑर्डर देरी से पहुंचते थे. ऐसे में मरीजों को आईजीएमसी रेफर करने की नौबत आती है. दूसरी लहर में अस्पताल में पहला ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया. वहीं, अब दूसरा लगाया जा रहा है, जिससे कि मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न आए. तीसरी लहर में बच्चों के पॉजिटिव होने की आशंका जताई जा रही है, जिसके लिए तैयारियां शुरू की दी गई हैं, अस्पताल में चिल्ड्रेन वार्ड (Childrens ward in hospital) में भी तैयारियां की जा रही हैं. ताकि बच्चे यदि भर्ती हों तो कोई परेशानी उन्हें पेश न आए.


एक मिनट में 1100 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन: अस्पताल में दोनों प्लांट स्थापित होने के बाद अब एक मिनट में 1100 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन होने का अनुमान है, जिससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी. अस्पताल में लगे पहले प्लांट से रोजाना 300 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन का उत्पादन होता है. वहीं, दूसरे प्लांट से 800 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनेगी. रिपन अस्पताल के एमएस डॉ. रविंद्र मोक्टा ने बताया कि अस्पताल परिसर में लगने वाले दूसरे ऑक्सीजन प्लांट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. जल्द ही उपकरण वाली कंपनी से उपकरण भी आ जाएंगे, जिसके बाद ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो जाएगा.

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