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हर हिमाचली पर है 95,374 रुपये का कर्ज, सरकार ने बताया 3 साल में कितना बढ़ा कर्ज का बोझ ?

हिमाचल पर कितना कर्ज है ? इस समय हिमाचल के हर नागरिक पर कितना कर्ज है ? इन सवालों का जवाब खुद हिमाचल सरकार की ओर से विधानसभा में दिया गया है. एक विधायक द्वारा सरकार से पिछले 3 साल में लिए गए और अदा किए गए कर्ज को लेकर सवाल पूछा गया था. सरकार की ओर से क्या जवाब दिया गया ? जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर

हिमाचल पर कर्ज का बोझ
सांकेतिक तस्वीर.

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Published : Mar 27, 2023, 8:00 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 8:22 PM IST

शिमला : हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को प्रदेश पर कर्ज के बढ़ते बोझ का आंकड़ा सामने आया. दरअसल धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने सवाल किया था कि बीते तीन सालों में सरकार ने कितना लोन लिया और ये लोन किन-किन एजेंसियों से लिया गया. इसके अलावा सुधीर शर्मा की ओर से हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय का ब्यौरा भी मांगा गया था. सवाल हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग से था जो मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के पास है.

3 साल में कर्ज का आंकड़ा- वित्त विभाग की ओर से इन सवालों के संबंध में जानकारी पटल पर रखी गई थी. जिसके मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 से लेकर 31 जनवरी 2023 तक हिमाचल सरकार ने अलग-अलग एजेंसियों से कुल 23,185 करोड़ का कर्ज लिया था. इसमें से सबसे ज्यादा करीब 84 फीसदी ऋण खुले बाजार से लिया गया था. दूसरे नंबर पर नाबार्ड और फिर केंद्र सरकार से ऋण लिया गया था.

खुले बाजार से सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में 6000 करोड़, 2021-22 में 4000 करोड़ और साल 2022-23 में 31 जनवरी 2023 तक 9500 करोड़ का ऋण लिया था. जो कुल 19500 करोड़ बनता है. इस लिहाज से सरकार ने इन 34 महीनों में 19500 करोड़ का लोन खुले बाजार से लिया था.

हिमाचल पर कर्ज का बोझ

दूसरे नबंर पर सरकार ने सबसे ज्यादा लोन NABARD यानी राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से लिया. जो साल 2020-21 में 664 करोड़, 2021-22 में 700 करोड़, 2022-23 में 479 करोड़ था. इस तरह कुल 1843 करोड़ का लोन करीब 3 साल में नाबार्ड से लिया गया था.

इसके बाद केंद्र सरकार से सर्वाधिक लोन लिया गया था. 2020-21 में 602 करोड़, 2021-22 में 892 करोड़ और 2022-23 में 315 करोड़ का कर्ज केंद्र सरकार से लिया गया है. जो कुल 1809 करोड़ होता है. इस दौरान 33 करोड़ का कर्ज राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम यानि NCDC से भी लिया गया है.

3 साल में कितनी ऋण अदायगी-हर साल सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा ऋण अदायगी में भी जाता है. बाजार से लेकर केंद्र सरकार या अन्य संस्थाओं से लिया गया कर्ज समय-समय पर चुकाना पड़ता है. विधानसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2020-21 में 3396 करोड़ की ऋण अदायगी की गई. इसी तरह साल 2021-22 में 3344 करोड़ का कर्ज अदा किया गया, जबकि साल 2022-23 के दौरान 31 जनवरी 2023 तक 2365 करोड़ कर्ज अदायगी हुई. इस तरह बीते 3 साल में करीब 9105 करोड़ की ऋण अदायगी हिमाचल सरकार की ओर से की गई थी

3 साल में 14080 करोड़ का ऋण- बीते 3 साल में सरकार ने कुल 23185 करोड़ का कर्ज लिया लेकिन इस दौरान सिर्फ 9105 करोड़ की ऋण अदायगी ही कर पाई. जबकि 3 साल में शुद्ध ऋण राशि यानी Net Loan Amount 14080 रहा. 2020-21 में हिमाचल सरकार ने 7295 करोड़ का ऋण लिया लेकिन सिर्फ 3396 करोड़ ही चुका पाई और बचा हुआ 3899 करोड़ ऋण हिमाचल पर चढ़ गया. इसी तरह अगले वित्त वर्ष में सरकार ने 5596 करोड़ का कर्ज लिया लेकिन सिर्फ 3344 करोड़ की अदायगी हो पाई और 2252 करोड़ का कर्ज हिमाचल के सिर चढ़ गया. कर्ज का बोझ वित्त वर्ष 2022-23 में तब और बढ़ गया जब सरकार ने 10 महीने में ही 10294 करोड़ का कर्ज लिया और सिर्फ 2365 करोड़ चुकाया गया. इस तरह 7929 करोड़ कर्ज का बोझ अकेले मौजूदा वित्त वर्ष में ही बढ़ गया.

हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय और कर्ज- सदन में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल सरकार पर कुल 71,082 करोड़ का कर्ज है और प्रति व्यक्ति पर औसतन 95,374 रुपये का ऋण है. गौरतलब है कि हिमाचल पर बढ़ता कर्ज का बोझ चुनावी मुद्दा भी बनता रहा है. कांग्रेस और बीजेपी इसके लिए एक दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ती रहती हैं. बता दें कि हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय 2.22 लाख से ज्यादा है.

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Last Updated : Mar 27, 2023, 8:22 PM IST

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