शिमला: कोरोना काल में इंटरनेट का इस्तेमाल अधिक बढ़ा है. बड़ी कंपनियां अपने इम्पलोई से वर्क फ्रॉम होम करवा रही हैं. इसी तरह घर बैठे ही अपनी सहूलियत के लिए पैसों के लेन-देन का तरीका भी काफी हद तक बदला है. लोग डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दे रहे हैं. इसी कड़ी में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है.
इंटरनेट के इस्तेमाल के साथ-साथ साइबर क्राइम का जाल देश और दुनिया में लगातार फैलता जा रहा है और इस जाल में रोजाना कई लोग फंसते हैं. साइबर ठग भी इंटरनेट के इस जमाने में लोगों को ठगने के नए-नए रास्ते खोज रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान साइबर ठग फेक आइडेंटिटी और सिम क्लोनिंग के जरिए लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं. साइबर क्राइम एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि हिमाचल में साइबर ठग अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को निशाना बना रहे हैं, इनमें वकील और डॉक्टर भी शामिल हैं.
एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील ने उनके पास ईमेल के माध्यम से शिकायत भेजी की उनके एसबीआई बैंक खाते से और यूको बैंक के खाते से करीब एक लाख 40 हजार रुपये गायब हो गए हैं.
एएसपी ने कहा कि शिकायतकर्ता से बातचीत के दौरान जब पूरे मामले की तह तक गए तो यह मामला फेक आइडेंटिटी और सिम क्लोनिंग का सहारा लेकर ठगी करने का था.
क्या था मामला ?
शिकायतकर्ता से पूछताछ में पता चला कि एक व्यक्ति हिमाचल हाइकोर्ट के वरिष्ठ वकील को फोन करता है और कहता है कि उनका कोई करीबी किसी अपराध में पकड़ा गया है और मामला हिमाचल हाईकोर्ट में लगा है. हमारी हिमाचल हाइकोर्ट में कोई खास जान पहचान नहीं है. कुछ लोगों से बातचीत कर पता चला कि आप अच्छे वकील हैं, जिसके कारण में इस केस में आपको बतौर वकील चाहता हूं.
आरोपी ने खुद को भारतीय सेना का अधिकारी बताया और व्हाट्सएप पर अपना पहचान पत्र और कैंटीन कार्ड इत्यादि के फोटो भेजे जिससे ये सिद्ध हो गया कि वह भारतीय सेना में बड़े रैंक पर कार्य करता है. इसके अलावा इस व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर ही भारतीय सेना के अधिकारी की ड्रेस पहने अपना फोटो भी भेजा.
आरोपी ने पीड़ित से कहा कि वह आर्मी में है और उसे कोर्ट के मामलों का अधिक ज्ञान नहीं है. आप इस मामले में मेरे रिश्तेदार का पक्ष कोर्ट में मजबूत तरीके से रखें, इसके लिए हम आपको पूरी फीस अदा करेंगे. शातिर ने वकील से अकाउंट नंबर लिए, जिनमें फीस डाली जा सके.
शातिर ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश नहीं आ सकेगा, क्योंकि वह इस वक्त ड्यूटी पर मौजूद है इसलिए अकाउंट नंबर में पैसे जमा कर सकेंगे. वकील इस पर राजी हो गया और उसने अपने दो अकाउंट नंबर जोकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा यूको बैंक में शिमला में ही स्थित है शातिर को व्हाट्सएप कर दिए.
इसके बाद शातिर ने दोनों अकाउंट में बहुत ही कम राशि डाली और वकील से बात की जिसके बाद कुछ तकनीकी खराबी का हवाला दिया और सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से वकील से उसके फोन पर आए ओटीपी मांगे.