शिमला/रामपुर: हिमाचल प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में बागवानों की उम्मीदों पर लगातार मौसम की मार पड़ती जा रही है. प्रदेश में हुई ओलावृष्टि से सेब और मटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बागवानों ने सरकार से नुकसान का आकलन कर राहत प्रदान करने की गुहार लगाई है.
बता दें कि जिला शिमला, मंडी और कुल्लू कई क्षेत्रों में रविवार को हुई भयंकर ओलावृष्टि से सेब की बंपर फसल होने की उम्मीद औंधे मुंह गिर रही है. शिमला जिले के कोटखाई, रोहड़ू, रामपुर और नारकंडा, मंडी के करसोग, कुल्लू के आनी और निरमंड में भारी ओलावृष्टि हुई है.
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल कुहल पंचायत के बागवानों का कहना है कि क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई है, जिससे सेब की फसल की परागण लगभग 50 फीसदी नष्ट हुई है. उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों से पत्ते तक उड़ गए हैं. इसके साथ-साथ मटर की फसल को भी नुकसान हुआ है. बागवानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि ओलावृष्टि से जो फसल को नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जाए ताकि बागवानों व किसानों को राहत मिल सके.
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल गौरतलब है कि सेब की फसल को हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी का मुख्य केंद्र माना जाता है. यहां के ज्यादातर लोग अपने घर का सारा खर्च सेब की आर्थिकी से ही चलाते हैं, लेकिन इस साल परागण से ही लेकर सेब को अचानक प्राकृति की मार पड़ना शुरू हो गया है.
वहीं, 24 अप्रैल को मौसम विभाग ने फिर से क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि की चेतावनी दी है.