शिमला: कोरोना संकट के इस भयावह माहौल में मौत का मंजर नजर आ रहा है, लेकिन धरती पर सफेद पोशाक की गरिमा के सजग प्रहरी कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं. विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश के डॉक्टर ,नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के साथ साथ इमरजेंसी में जटिल ऑपरेशन भी कर रहे हैं.
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के एमएस व विख्यात न्यूरो सर्जन जनक राज के नेतृत्व में एक ऐसा ही ऑपरेशन हुआ है. इस ऑपरेशन ने कोरोना संक्रमित की जान बचा ली. आइजीएमसी के एमएस जनक राज ने ईटीवी से विशेष बातचीत में बताया कि 14 मई की शाम को बिलासपुर से एक मरीज को रेफर किया गया था. मरीज के सिर में गंभीर चोट लगी थी. मरीज का ऑपरेशन करना बहुत जरूरी था. रैपिड टेस्ट में मरीज कोरोना संक्रमित पाया गया.
डॉक्टरों ने स्वीकार की चुनौती
मरीज के कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. इसके बाद मरीज को कोविड ओटी में शिफ्ट किया गया. लभग 2 घण्टे रात 12 बजे तक चले ऑपरेशन में मरीज के सिर का ऑपरेशन करके उसकी जान बचाई गई. डॉ. जनक राज ने बताया कि यदि मरीज का समय पर ऑपरेशन न किया जाता तो उसका बचना मुश्किल था. पीपीई किट पहन कर ऑपरेशन करना चुनौती भरा रहता है. कोरोना काल में 4 से 5 कोविड मरीजों के ऑपरेशन उन्होंने खुद किए हैं.