शिमला: इन्वेस्टर्स मीट हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रहा है. अगस्त 2019 की बात है, हिमाचल में विधानसभा का मानसून सेशन चल रहा था. उसी दौरान ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (Global Investors Meet in Himachal) के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए पोर्टल राइजिंग हिमाचल पर लैंड सीलिंग एक्ट से जुड़ा विवादित डॉक्यूमेंट अपलोड हुआ था. उस समय पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह थे.
मामला संवेदनशील था तो दबाव पड़ने पर जयराम सरकार ने राम सुभग सिंह से पर्यटन विभाग वापिस ले लिया. अब एक बार फिर से रामसुभग सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मामले में जयराम सरकार को घेरा है. आम आदमी पार्टी ने तो चेतावनी दी है कि यदि मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर एक्शन नहीं लिया जाता तो सचिवालय का घेराव किया जाएगा. ये पहला मौका नहीं है कि जब हिमाचल में अफसरशाही की टॉप सीट विवादों में आई हो. यहां उन सभी विवादों पर बात करने से पहले मौजूदा घटनाक्रम को देखना जरूरी है.
ताजा विवाद क्या है:राम सुभग सिंह इस समय हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव हैं. शिवसेना के नेता बृजलाल ने पीएमओ को एक शिकायती (Complaint against Himachal chief secretary) पत्र भेजा था. पीएमओ ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को आगामी कार्रवाई के लिए कहा और मंत्रालय से इस बारे में हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर को पत्र भेजा गया. पीएमओ को ये शिकायत पिछले साल की गई थी. फिर अक्टूबर 2021 में कार्मिक मंत्रालय से हिमाचल के सीएम के प्रधान सचिव को उपयुक्त कार्रवाई के लिए कहा गया.
आरोप है कि जब रामसुभग सिंह एसीएस रैंक के अफसर थे (Himachal Pradesh CS Ram Subhag Singh) और वन विभाग संभाल रहे थे, तो कांगड़ा में एक निर्माण में धांधली की गई. यही नहीं, इसके अलावा ये भी आरोप लग रहा हैं कि उद्योग विभाग में भी भारी धांधली हुई है. वहीं, इस मामले में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सारे मामले की रिपोर्ट मंगवाई है. इस तरह की शिकायतें करने पर पीएमओ की ओर से आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा जाता है.
तीन साल पहले भी मची थी हलचल:जयराम सरकार के कार्यकाल में इन्वेस्टर्स मीट के लिए पर्यटन विभाग ने एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया था. उस पर एक विवादित डॉक्यूमेंट अपलोड हुआ था. दबाव पड़ा को राम सुभग सिंह से पर्यटन विभाग वापिस लिया गया. सरकार ने इस मामले में भी जांच रिपोर्ट मांगी थी और रिपोर्ट आने से पहले ही राम सुभग सिंह को पर्यटन विभाग से हटा दिया गया था. तब राज्य सरकार के मुख्य सचिव बीके अग्रवाल थे. अगस्त 2019 के आखिर में जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार ने राम सुभग सिंह को तत्काल प्रभाव से पर्यटन विभाग के कार्यभार से मुक्त कर दिया था. उस समय वर्ष 1987 बैच के आईएएस अफसर रामसुभग सिंह के पास वन विभाग और भाषा व कला संस्कृति विभाग का प्रभार रह गया था. उन्हें पर्यटन व सिविल एविएशन विभाग से हटाने के बाद इसका अतिरिक्त कार्यभार मुख्य सचिव बीके अग्रवाल को दिया गया था.