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Published : Aug 8, 2021, 6:09 PM IST

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लाहौल-स्पीति में पंचायत चुनाव करवाने के लिए EC पहुंची कांग्रेस, कैबिनेट मंत्री पर लगाए ये आरोप

कांग्रेस महासचिव महेश्वर चौहान और लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने संयुक्त पत्रकारवार्ता की. इस दौरान उन्होंने सरकार पर लाहौल स्पीति के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए. वहीं, महेश्वर चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस जनजातीय क्षेत्र के पंचायतीराज संस्थानों की बहाली के लिए वचनबद्ध है.

महेश्वर चौहान और लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर
महेश्वर चौहान और लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर

शिमला: हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में पंचायत चुनाव न करवाने पर कांग्रेस मुखर हो गई है और चुनाव आयुक्त से लाहौल स्पीति में जल्द पंचायत चुनाव करवाने की मांग की है. उन्होंने चुनाव न करवाने पर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है.


कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक सयुंक्त पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस महासचिव महेश्वर चौहान और लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने सरकार पर लाहौल स्पीति के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए. महेश्वर चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस जनजातीय क्षेत्र के पंचायतीराज संस्थानों की बहाली के लिए वचनबद्ध है और हर कीमत पर इसकी बहाली करवाई जाएगी. इसके लिए पार्टी हर स्तर पर लड़ने को तैयार है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में एक प्रतिनिधिमंडल में राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर मांग की कि इस जिले में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव जल्द से जल्द करवाए जाएं. आयोग ने अगर समय रहते उचित कदम न उठाया तो कांग्रेस पार्टी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी.

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लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक और कांग्रेस उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि सरकार जानबूझकर कर लाहौल-स्पीति जिले की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है. बादल फटने और नालों में बाढ़ आने से सहमे लोग गुफाओं में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रभावित लोगों को सरकार की ओर से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है.रवि ठाकुर ने विधायक और तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव के समय जो झूठा शपथ पत्र दिया था, उस बारे उन्होंने एक चुनाव याचिका दायर की है. उन्होंने हैरानी जताई कि किसी भी राज्य का कैबिनेट मंत्री कई महीनों तक न्यायिक प्रक्रिया से बचता रहे और समन तामील न हो. उन्होंने कहा कि जो मंत्री रोजाना सरकारी कार्यक्रमों में फीते काटे, कैबिनेट की बैठकों में शिरकत करे और न्यायिक प्रक्रिया में शामिल न हो. उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई उदाहरण हो, कि राज्य के मंत्री को दस्ती समन तामील करवाए गए हों. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में खुद संज्ञान लेना चाहिए था, लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार इस मामले पर खामोश है. रवि ठाकुर ने कहा कि मंत्री ने अपने शपथ पत्र में अपनी संपत्तियों का उल्लेख नहीं किया और जनता में यह बताने का प्रयास किया कि वह आम गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. इससे चुनाव प्रचार में जनता भ्रमित हुई और जनमत प्रभावित हुआ, जोकि एक दंडनीय अपराध है. रवि ठाकुर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और इस केस में एक व्यक्ति को छोड़ सभी की गवाही हो गई है. इसमें केवल मात्र मात्र मंत्री और क्षेत्र के विधायक अपनी गवाही देने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री कोर्ट और जनता को बताएं कि सच्चाई क्या है. रवि ठाकुर ने कहा कि जिस तरह का सीमा विवाद आसाम और मिजोरम का है, ठीक उसी तरह का विवाद हिमाचल के लाहौल-स्पीति का जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के साथ भी है. उन्होंने कहा कि शिंकुला और सरचू में कई किमी. अंदर तक जेएंडके पुलिस घुसी है और वहां पर सीमावर्ती गांवों में लोग दहशत में है. उन्होंने सरकार से मांग की इस विवाद को सुलझाया जाए और इसके लिए सीमा की जल्द डिमार्केशन करवाई जाए.

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