हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

'हिमाचल: टुडे एंड टूमॉरो' पर मंथन करेंगे विशेषज्ञ, प्रदेश की तरक्की के लिए बनेगा विजन और प्लान - पीटरहॉफ

पीटरहॉफ में दो और तीन मार्च को देश भर के पर्वतीय राज्य किस तरह से पर्यटन, ऊर्जा, शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं, इसको लेकर मंथन किया जाएगा.

By

Published : Feb 26, 2019, 5:39 PM IST

शिमला: पीटरहॉफ में दो और तीन मार्च को देश भर के पर्वतीय राज्य किस तरह से पर्यटन, ऊर्जा, शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं, इसको लेकर मंथन किया जाएगा. शिमला में सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस की ओर से आयोजित की जा रही शिमला कॉनक्लेव में सभी विशेषज्ञ जुटेंगे और पर्वतीय राज्यों की स्थिति को सुदृढ़ करने को लेकर चर्चा करेंगे.
कॉनक्लेव हिली स्टेट्स टुडे एंड टुमारो विषय पर करवाई जा रही है जिसकी जानकारी देते हुए सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस के निदेशक रामानंद ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सरकार की ओर से जो भी नीतियां बनाई जाती हैं वो प्लेन राज्यों के विकास को देखते हुए बनाई जाती है, लेकिन अब आवश्यकता है कि पर्वतीय राज्यों की विकास से जुड़ी जो आवश्यकताएं है उनके बारे में केंद्र सरकार को अवगत करवाया जाए ताकि पर्वतीय राज्यों के विकास के लिए भी नीतियां बन सकें. इस कॉन्क्लेव के लिए कई विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है.
कॉनक्लेव में जिन मुद्दों पर चर्चा होगी उसमें डेवेलपमेंट ह्यूमन, इकोलॉजी एंड सस्टेनिबिलीटी, एडुक्शन एंड हेल्थ इन हिली स्टेट्स: दी जर्नी सो फार, टेक्नोलॉजी एन्ड हेल्थ इन हिमालयाज: स्कोप एंड ऑपोर्चुनिटीज, इन्फ्रास्ट्रक्चर: एक्सपोरिंग ऑल्टरनेटिव्स, दी इम्पोर्टेंस ऑफ कल्चर एंड हिस्ट्री इन हिमलयाज और टूरिज्म: एक्सपोरिंग दी लेस एक्सप्लोर्ड शामिल हैं.

सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस के निदेशक रामानंद
रामानंद ने कॉन्क्लेव का उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य पर्वतीय राज्यों के लिए एक ऐसा विकसात्मक मॉडल तैयार करना है, जो कि नए भारत में शामिल हो सके. इस मॉडल को तैयार करने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, पॉलिटिकल साइंटिस्ट, काउंसिल ऑफ मिनिस्टर, पॉलिसी मेकर्स अहम भूमिका निभाएंगे. इस आयोजन में प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे और केंद्रीय सवास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा कॉन्क्लेव के समापन समारोह में शामिल होंगे. कॉनक्लेव में पर्वतीय राज्यों के लिए 150 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे.हिमाचल को इस कॉन्क्लेव के लिए चयनित करने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि जितने भी हिली स्टेट हैं, उनके लिए हिमाचल एक आदर्श के रूप में उभरा है. हिमाचल ने हाइड्रो प्रोजेक्ट, लिट्रेसी, टूरिज्म में कम संसाधनों में भी तरक्की की है. इस कॉनक्लेव में भाग लेने वाले पर्वतीय राज्य भी इसी बात को लेकर मंथन करेंगे कि किस तरह हिमाचल ने कम संसाधनों में इतनी तरक्की की है और आने वाले समय में प्रदेश के लिए क्या विजन और प्लान है. हिमाचल के पैटर्न को समझते हुए अन्य पर्वतीय राज्य भी कम संसाधनों में विकास कर सकते हैं, इस पर चर्चा कॉन्क्लेव में की जाएगी.इसके साथ ही प्रदेश को किस तरह से टूरिज्म, एजुकेशन, स्पोर्ट्स, यूथ, हेल्थ, हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में उभारा जा सकता है, यह तय किया जाएगा. जो भी निष्कर्ष इस कॉनक्लेव में निकलेंगे, उन्हें सरकार की पॉलिसी में शामिल करवाया जाएगा. प्रदेश और केंद्र सरकार भी इस कॉनक्लेव का हिस्सा है इसलिए जो भी निष्कर्ष इसमें निकलेंगे उन्हें पॉलिसी में शामिल करने में उनसे भी अपील की जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details