बिजली बोर्ड इंजनियर व कर्मचारी जाइंट एक्शन कमेटी के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा शिमला:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली बोर्ड कर्मचारियों को फरवरी से ओल्ड पेंशन स्कीम देने का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक तौर पर OPS लागू करने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने अधिकारियों को भी पुरानी पेंशन लागू करने के निर्देश दिए. वहीं, बिजली बोर्ड इंजनियर व कर्मचारी जाइंट एक्शन कमेटी के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बोर्ड के 6,600 कर्मचारियों को फरवरी से पुरानी पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही हीरा लाल वर्मा ने कहा कि सीएम से बिजली बोर्ड के एमडी हरिकेश मीणा को भी हटाने की मांग की गई है. वहीं, सीएम ने नए MD की नियुक्ति का भी भरोसा दिया है.
हीरा लाल वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी मांगों को पूरा करने के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दी जा रही 125 यूनिट फ्री बिजली से भी बिजली बोर्ड को घाटा हो रहा है. बिजली बोर्ड कर्मचारियों को हर महीने पहली तारीख को तनख्वाह मिले, समय पर ओपीएस बहाल हो इसके लिए बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने 125 यूनिट छोड़ने का प्रस्ताव भी दिया है.
1 हफ्ता किया था प्रदर्शन: बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर बिजली बोर्ड के मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर भोजन अवकाश के दौरान मांगों को लेकर रोजाना प्रदर्शन किया था, जो करीब एक सप्ताह तक चला. जिसमें बिजली बोर्ड के सैकड़ों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े थे. नए साल में बोर्ड कर्मचारियों को 1 जनवरी को वेतन और पेंशन जारी न होने से नाराज कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू किया था. पहले करीब चार दिन कर्मचारी वेतन और पेंशन की अदायगी होने की मांग कर रहे थे, लेकिन बाद में कर्मियों ने ओपीएस बहाली और प्रबंध निदेशक को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखा.
फ्री बिजली लेने से किया इनकार: राज्य स्तरीय प्रदर्शन के दौरान 11 जनवरी को बोर्ड के कर्मचारियों और अभियंताओं ने बोर्ड की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए प्रतिमाह घरेलू उपभोक्ताओं को मिलने वाली 125 यूनिट की निशुल्क बिजली को लेने से इनकार किया था. बोर्ड के कर्मचारियों और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक इंजीनियर लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरालाल वर्मा का कहना है कि नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला है. ऐसे में अगर जल्द ही बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो कर्मचारियों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद अफसरशाही ओपीएस बहाली में आनाकानी कर रही है. इस मामले को आज होने वाली बैठक में मुख्य तौर पर उठाया जाएगा. इसके अलावा बोर्ड को स्थायी प्रबंध निदेशक देने की मांग भी की जाएगी. वर्तमान प्रबंध निदेशक के पास बिजली बोर्ड का अतिरिक्त कार्यभार है.
ये भी पढ़ें:सरकार के खजाने में आए कर्ज के एक हजार करोड़ रुपए, वेतन और पेंशन पर होंगे खर्च, भविष्य के लिए संकट के संकेत