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स्कूल से बंक मारकर देखते थे फिल्म, डंडे से होती थी पिटाई, CM सुक्खू ने बच्चों से साझा की अपनी स्कूल की यादें - सीएम सुक्खू के बचपन के किस्से

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने स्कूल के समय में बहुत शरारती हुआ करते थे. वे स्कूल से बंक मारकर फिल्म देखने जाते थे. इतना ही नहीं, बंक मारने पर उनकी पिटाई भी होती थी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

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Published : Feb 28, 2023, 9:15 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 9:38 PM IST

CM सुक्खू के सहपाठियों ने याद किए पुराने दिन.

शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सीनियर एक्सीलेंस सेकेंडरी स्कूल छोटा शिमला में अपने स्कूल के दिनों और शरारतों को याद किया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसी स्कूल में पहली से दसवीं तक पढ़े हैं. अपने स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम में पहुंचे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कई रोचक यादें बच्चों के साथ साझा कीं. उन्होंने कहा कि जब वह इस स्कूल में पढ़ते थे, तब फिल्म देखने के लिए बंक मारा करते थे, जिसके लिए उनकी पिटाई भी होती थी. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज के दौर की तरह तब मोबाइल पर फिल्में नहीं देख सकते थे. तब सूचना जनसंपर्क विभाग वाले बड़ी स्क्रीन लगाकर लोगों को फिल्में दिखाते थे और जब छोटा शिमला के ब्रॉकहास्ट में फिल्म दिखाई जाती थी तो वह अपने स्कूल के साथियों को वहां ले जाते थे.

शरारत करने पर मैडम करती थी पिटाई:सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने 1971-72 में इस स्कूल में एडमिशन लिया था. तब वह हाई स्कूल में हुआ करते थे. उन्होंने बताया कि वह काफी शरारतें करते थे और तब उनकी टीचर सावित्री मैडम उनकी डंडे से पिटाई किया करती थीं. वह हमेशा उनसे बचने का प्रयास करते थे, लेकिन शरारत करने पर उनकी पिटाई होती थी.

जिस स्कूल में पढ़े, उसी के वार्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे CM.

आठवीं में जाकर मिली स्कूल बैंच:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनके समय में बैठने के लिए टाट यानी चटाई हुआ करती थी. वो भी कई बच्चों को नहीं मिल पाती थी. पांचवी कक्षा में भी उनको स्कूल में बैंच नहीं मिले. आठवी में भी बैंच तब जाकर मिले, जब उन्होंने इनके लिए संघर्ष किया.

बागीचे से चुराया करते थे सेब:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्कूल के नीचे एक सेब का बागीचा होता था. दिन के समय वह अपने साथियों के साथ इसमें जाते थे और यहां से सेब चोरी करके लाते थे. उस समय स्कूल में मूंगफली और चन्ने मिलते थे. हम देखते थे कि टीचर दफ्तर से कब बाहर निकले और उस दौरान मुंगफली और चन्ने निकालकर इन्हें बच्चों में बांट देते थे.

सीनियर एक्सीलेंस सेकेंडरी स्कूल छोटा शिमला.

हड़ताल करवाने के लिए तीन दिन के लिए हुए थे निष्कासित:सीएम ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि 1977 में वह जब 8वीं कक्षा में पढ़ते थे तो कॉलजों और विश्वविद्यालय में एक बार हड़ताल हुआ थी. तब शांता कुमार मुख्यमंत्री हुआ करते थे. कुछ स्कूल भी हड़ताल में शामिल हुए थे. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने स्कूल में हडताल करवा दी थी और विश्वद्यालय में हडताल में शामिल होने के लिए चले गए थे. तब उन्हें तीन दिन के लिए स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था. जिसके बाद घरवालों को बुलाकर माफी मांगनी पड़ी थी. इसके बाद भी सुबह की प्रार्थना सभा में उनको तीन दिन खड़ा रखा गया था.

सहपाठी उनको करते थे लीडर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कॉलेज के दिनों का याद करते हुए कहा कि तब दिलीप कुमार की एक फिल्म लीडर आई थी. इस फिल्म के बाद उनके सहपाठी उन्हें लीडर कहा करते थे. कॉलेज में उन्होंने पहले सीआर और फिर महासचिव का चुनाव लड़ा था.

CM सुक्खू ने बच्चों से साझा की अपनी स्कूल की यादें.

मैं कभी मंत्री नहीं रहा और CM बन गया:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बच्चों से कहा कि वे मेहनत और लगन से आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि वह कभी मंत्री नहीं रहे और सीएम बन गए, यह सब मेहनत और लगन से हुआ. उन्होंने बच्चों से मेहनत और लगन से आगे बढ़ने का आह्वान किया. उन्होंने बच्चों से कहा कि मेहनत करने वाला कभी नहीं हारता.

उन्होंने कहा कि वह इसी सरकारी स्कूल में पढ़े हैं और आज वह इसलिए स्कूल आए कि बच्चों में आत्म विश्वास बढ़े. उन्होंने कहा कि अक्सर प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को अलग नजरिए से देखा जाता है, लेकिन सरकारी स्कूलों में भी अच्छी पढ़ाई होती है. उन्होंने बच्चों से कहा कि वह देश के निर्माता है और आगे जाकर आईएएस, डॉक्टर और दूसरी भूमिका में देश की सेवा करेंगे.

पांव छूकर अपनी अध्यापिका से लिया आशीर्वाद.

'हमेशा कुछ अलग करना चाहते थे सुक्खू':सुखविंदर सिंह सुक्खू के स्कूल में सहपाठी भी इस समारोह में पहुंचे थे, जिन्होंने उनके साथ बीताए समय को याद किया. सीएम के सहपाठी रहे बाल कृष्ण चौहान ने बताया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू बचपन में उनके पड़ोसी थे. हालांकि उन्होंने उस समय सोचा नहीं था कि सुक्खू कभी इस पद पर पहुंचेगे. लेकिन, जैसे-जैसे वह आगे बढ़ते चले गए तो हम सभी को लगने लगा कि वह जरूर कुछ बड़ा करेंगे. उन्होंने कहा कि सुक्खू हमेशा सबकि मदद किया करते थे. हमेशा से ही उनमें कुछ अलग करने का जज्बा था. आज उसी जज्बे के चलते वह प्रदेश के सीएम बने हैं.

हमेशा दूसरों की मदद करते थे CM सुक्खू:सीएम के सहपाठी रहे प्रमोद कुमार शर्मा कहते हैं कि वह तीसरी से दसवीं तक साथ पढ़े हैं और साथ में उनके पड़ौसी भी रहे हैं. उनका कहना है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू और अन्य साथियों का एक साथ बीताया समय गोल्डन पीरियड था. उनका कहना है कि वह पडौस में एक परिवार की तरह रहते थे. सुखविंदर बड़े मिलनसार थे और सबकी हेल्प करना उनकी आदत में शामिल था. वह दूसरों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे. आज सुखविंदर इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह उनके लिए बहुत बड़ी खुशी की बात है और उनको उनसे बड़ी उम्मीद हैं.

वार्षिक कार्यक्रम में CM सुक्खू ने बच्चों के साथ डाली नाटी.

शिक्षकों ने कहा, स्कूल के लिए यह एक एतिहासिक पल:स्कूल की प्रिंसिपल मीरा शर्मा ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू का उनके स्कूल के वार्षिक समारोह में आना एक एतिहासिक पल है. यह इसलिए भी क्योंकि वह खुद इस संस्थान के छात्र रहे हैं. पूरा स्कूल आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम ने समार्ट क्लासेस बनाने सहित कई बड़ी घोषणाएं की हैं और साथ में उनको टाइमबाउंड भी किया है. यह स्कूल के लिए खुशी की बात है कि उनका पूरा स्कूल स्मार्ट बनने जा रहा है.

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Last Updated : Feb 28, 2023, 9:38 PM IST

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