शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Election 2022) के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के दो दिन के दौरे पर (Kangra visit of JP Nadda) रहेंगे. इस दौरान जहां पहले दिन नड्डा नगरोटा में रोड शो कर पार्टी कार्यकर्ताओं में (JP Nadda in Kangra)जोश भरने की कोशिश करेंगे. वहीं, यह टोह भी लेंगे की कांगड़ा का आखिर इस बार मूड क्या है. हिमाचल की 68 सीटों वाली विधानसभा में सबसे ज्यादा 15 सीटें यहां से ही आती है. बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटें जीतीं थी, दरअसल माना जाता है कि कांगड़ा जीतने वाला सत्ता बनाता है और नड्डा कांगड़ा के इसी किले को 2017 से भी बेहतर अंदाज में जीत की रणनीति बनाएंगे.
दूसरे दिन रहेगा बैठकों का दौर: जेपी नड्डा दूसरे दिन यानि शनिवार को दिनभर बूथ लेवल से लेकर मंडल स्तर तक के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान उनका विधानसभा चुनाव के करीब 6 महीने पहले यह जानने का प्रयास रहेगा कि मिशन रिपीट के लिए कांगड़ा तैयार है कि नहीं. इसके अलावा आपसी कलह और पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी भांपा जाएगा. कुल मिलाकर दूसरे दिन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ मंथन होगा और आगामी विधानसभा चुनाव में कांगड़ा को लेकर रणनीति बनेगी.
बीजेपी का मिशन रिपीट-बीजेपी इस बार मिशन रिपीट यानि हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. जो कि पिछले करीब 4 दशक से हिमाचल में नहीं हुआ है. यूपी और उत्तराखंड में सरकार रिपीट होने के बाद बीजेपी की बांछे खिली हुई हैं. लेकिन नड्डा भी जानते हैं कि बिना कांगड़ा जीते मिशन रिपीट मुमकिन नहीं है. इसलिये हिमाचल में फिर से कमल खिलाने के लिए जेपी नड्डा ने कमान संभाल ली है और यही वजह है कि 2 हफ्ते से भी कम के अंतराल में नड्डा दूसरी बार हिमाचल दौरे पर पहुंच रहे हैं. 5 राज्यों के चुनावी नतीजों को भी बीजेपी भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है और ये तय है कि हिमाचल में मिशन रिपीट के अभियान में इन नतीजों का जिक्र बार-बार होगा.
आम आदमी पार्टी बनेगी रोड़ा ? : वहीं, आम आदमी पार्टी भी हिमाचल में धीरे-धीरे पांव पसार रही है, ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े जिले पर भी 'आप' की नजर होगी. ऐसे में जेपी नड्डा कांगड़ा दौरे के दौरान इस इलाके में आप की स्थिति और उससे होने वाले नुकसान का भी गणित लगाएंगे. विधायकों से लेकर अन्य पदाधिकारियों से इसपर फीडबैक लेने से लेकर आम आदमी पार्टी को लेकर भी रणनीति बन सकती है. कांगड़ा जिले की सीमाएं पड़ोसी राज्य पंजाब से सटा है, ऐसे में आम आदमी पार्टी की नजर खासतौर पर कांगड़ा पर होगी. क्योंकि सियासी जानकार मानते हैं कि पंजाब में सरकार चलाते हुए कांगड़ा को साधना कुछ आसान बना सकता है और आगामी चुनावों में अगर आम आदमी पार्टी हिमाचल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहती है तो हैरानी नहीं होगी अगर वो उपस्थिति कांगड़ा जिले से दर्ज हो.